logo-image

2022 के बाद नहीं दिखेंगे डीजल इंजन, 2030 तक सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से चलाई जाएंगे ट्रेन

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के साथ हुए करार में रेलवे कंपनी से दो मेगावाट सोलर एनर्जी लेगा, जिसे विभिन्न कामों में इस्तेमाल किया जाएगा.

Updated on: 01 Mar 2019, 04:30 PM

नई दिल्ली:

भारतीय रेल जल्द ही अपनी तस्वीर में बड़ा बदलाव करने जा रही है, जिसके लिए रेलवे ने अपने लक्ष्य को भी निर्धारित कर दिया है. रेलवे के इस लक्ष्य के तहत अब सोलर और पवन ऊर्जा का ही प्रयोग किया जाएगा. खास बात ये है कि रेलवे ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए काम भी शुरू कर दिया है. बतौर पायलट प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे ने बीएचईएल (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) के साथ दो मेगावाट सोलर एनर्जी के उत्पादन को लेकर करार भी किया है. रेलवे फिलहाल इसे एक छोटे पैमाने पर शुरू कर रहा है. प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के बाद भारतीय रेल इसका विस्तार करेगी.

ये भी पढ़ें- चाइनामैन कुलदीप यादव ने उभरते हुए स्पिनरों को दी ये गजब सलाह, अमल करने वाले होंगे कामयाब

रेलवे ने लक्ष्य बनाया है कि साल 2022 तक भारतीय रेल पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो जाएगी. तो वहीं विद्युतीकरण के 8 साल बाद यानि 2030 में रेलवे को ग्रीन रेलवे बनाने का लक्ष्य रखा गया है. रेलवे ग्रीन रेलवे बनाने में सौर ऊर्जा के साथ ही पवन ऊर्जा का भी इस्तेमाल किया जाएगा. भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के साथ हुए करार में रेलवे कंपनी से दो मेगावाट सोलर एनर्जी लेगा, जिसे विभिन्न कामों में इस्तेमाल किया जाएगा. रेलवे बोर्ड ट्रैक्शन के एक कर्मचारी घनश्याम सिंह ने कहा कि भारतीय रेल ने दुनिया का पहला ग्रीन रेलवे बनने का लक्ष्य बनाया है.

ये भी पढ़ें- Loksabha Elections 2019: वोट डालने के लिए नहीं पड़ेगी पहचान पत्र की जरूरत, अब इन ID से भी डाले जा सकेंगे वोट

घनश्याम ने बताया कि अपने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होने के बाद भारतीय रेल पूर्ण रूप से वैकल्पिक ऊर्जा का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने बीएचईएल के साथ हुए 2 मेगावाट बिजली के उत्पादक के लिए करार के बारे में भी जानकारी दी.