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सिक्किम: गोरखालैंड मामले में दखल दे केंद्र, नहीं तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट- पवन चामलिंग

केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले में कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

Updated on: 09 Jul 2017, 08:05 AM

highlights

  • पवन चामलिंग ने गोरखालैंड की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है
  • केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले में कोई त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

नई दिल्ली:

सिक्किम के मुख्य मंत्री पवन चामलिंग ने गोरखालैंड की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस मामले में कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

चामलिंग ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'मैं चाहता हूं कि केंद्र सरकार सिक्किम के हित में गोरखालैंड मुद्दे को प्रमुखता से संज्ञान में ले और साथ ही मामले को सुलझाने के लिए ज़रुरी हस्तक्षेप करे।'

उन्होंने कहा, 'अगर केंद्र सरकार इस मामले को लेकर तत्परता नहीं दिखाती है तो उन्हें आम लोगों के हित में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।'

बता दें नेशनल हाइवे 10 उत्तर बंगाल के सिलिगुड़ी को गंगटोक से जोड़ने वाला एकमात्र राज्य मार्ग है जो सिक्किम को पूरे देश से जोड़ता है सिक्किम दो हाईवे से जुड़ा हुआ है। दोनों हाईवे नॉर्थ बंगाल हिल्स से होते हुए गुजरते हैं। सिक्किम एनएच10 से जुड़ा हुआ है जो दार्जिलिंग और कलिमपोंग से गुजरते हैं।

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राज्य में अनिश्चिकाल बंद के चलते एनएच10, 15 जून से बंद है, ऐसे में मुख्यमंत्री चामलिंग का आरोप है कि पश्चिम बंगाल सरकार गोरखालैंड मामले को ठीक से नहीं देख पा रही है। जिसका ख़ामियाज़ा सिक्किम को भुगतना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल के साथ हाइवे शेयर करने को लेकर इस तरह की रोक लगातार लगती रही हैं लेकिन पिछले 20 दिनों से जब से ये आंदोलन शुरू हुआ है हालात काफी बुरे हो गए हैं। पिछले 30 वर्षों में ऐसे अवरोधों के चलते सिक्किम को 60,000 करोड़ रुपये के करीब का नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 दिनों में राज्य को 200 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो चुका है।

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