परमाणु मूवी रिव्यू: पोखरण परीक्षण की दिलचस्प कहानी, जॉन अब्राहम की फिल्म देख महसूस होगा गर्व
यह फिल्म 1998 में राजस्थान में हुए परमाणु परीक्षण पर आधारित है। भारतीय सेना को इस अंडरकवर मिशन में कैसे कामयाबी मिली, इसकी दिलचस्प कहानी दिखाई गई है।
मुंबई:
'तेरे बिन लादेन', 'तेरे बिन लादेन डेड और अलाइव' और 'द शौकीन्स' जैसी फिल्में बना चुके डायरेक्टर अभिषेक शर्मा इस बार 'परमाणु' लेकर आए हैं। यह फिल्म 1998 में राजस्थान में हुए परमाणु परीक्षण पर आधारित है। भारतीय सेना को इस अंडरकवर मिशन में कैसे कामयाबी मिली, इसकी दिलचस्प कहानी दिखाई गई है।
ये है फिल्म की कहानी
'परमाणु' की कहानी 1995 से शुरू होती है, जब प्रधानमंत्री के ऑफिस में चीन के परमाणु परीक्षण के बारे में बातचीत चल रही है। इसी दौरान IAS ऑफिसर अश्वत रैना (जॉन अब्राहम) भारत को भी एक न्यूक्लियर पावर बनने की सलाह देते हैं। उनकी बात पीएम तक पहुंचाई जाती है, लेकिन परीक्षण सफल नहीं हो पाता है। इस मामले में अमेरिका हस्तक्षेप करता है और अश्वत को बर्खास्त कर दिया जाता है।
करीब 3 साल बाद प्रधानमंत्री के सचिव के रूप में हिमांशु शुक्ला (बमन ईरानी) की एंट्री होती है और एक बार फिर परमाणु परीक्षण की बात छिड़ जाती है। फिर अश्वत को खोजा जाता है और टीम बनाने के लिए कहा जाता है।
ये भी पढ़ें: 'सत्यमेव जयते' में जॉन अब्राहम संग 'दिलबर' के रीमेक में थिरकेंगी नोरा फतेही
अश्वत टीम बनाते हैं, जिसमें आर्मी के अलावा वैज्ञानिक और इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट के लोग भी शामिल होते हैं। 1998 में एक बार फिर से परमाणु परीक्षण की तैयारी होती है। इस दौरान अमेरिका और पाकिस्तान को इसकी कोई खबर न हो, इसका खास ख्याल रखा जाता है।
इस परीक्षण के बाद अमेरिका समेत आसपास के देश भी हिल गए थे। फिल्म में दिखाया गया है कि कई विपरीत परिस्थितियों के बाद भारत सभी के सामने एक बड़ी शक्ति के रूप में दिखाई देता है।
पोखरण ऑपरेशन से जुड़ी कुछ खास बातें...
- इस परीक्षण के लिए 10 दिन पहले से ही तैयारी शुरू हो गई थी। हथियारों को मुंबई से लाया गया था। इस पर किसी का ध्यान न जाए, इसलिए कम से कम सुरक्षा का इस्तेमाल किया गया।
- अमेरिका को इसके बारे में कोई खबर न हो, इसलिए खुदाई का काम रात को चलता था। जमीन की खुदाई ऐसे होती थी कि वह रेत के टीले जैसा दिखे और किसी को शक न हो।
- पोखरण रेंज में सेना के कई जवान होते थे, इसलिए मिशन पर वैज्ञानिकों को भी आर्मी की ड्रेस पहननी पड़ती थी।
क्यों देखें मूवी
- यह मूवी सच्ची घटना पर आधारित है। यह आपको कई तथ्यों से परिचित कराएगी। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और वैज्ञानिकों की टीम से एपीजे अब्दुल कलाम के कारनामों की सटीक जानकारी भी देगी।
- 90 के दशक में दुनिया के कई देश भारत के खिलाफ थे, लेकिन परमाणु परीक्षण के बाद इसे शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा। इस परीक्षण से सभी की सोच में बदलाव हुआ। वहीं, देशवासियों को भी कितना गर्व हुआ, इसे अभिषेक शर्मा ने बखूबी दिखाया है।
- इस फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहद जबरदस्त है। वहीं, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी और लोकेशन भी अच्छा है।
- कई जगह 90 के दशक के फुटेज का भी इस्तेमाल किया गया है, जो देखने में काफी दिलचस्प है।
शानदार एक्टिंग ने जीता दिल
जॉन अब्राहम ने फिल्म में शानदार एक्टिंग की है। उनकी पत्नी का किरदार निभा रही अनुजा साठे ने भी अच्छा काम किया है। वहीं, डायना पेंटी, बमन ईरानी समेत तमाम एक्टर्स ने अपना किरदार बखूबी निभाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 'परमाणु' 1600 से ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज होगी। अगर आप देश से जुड़ी जानकारी पाने और सच्ची घटना पर आधारित फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इस मूवी को जरूर देखें।
फिल्म का ट्रेलर:
ये भी पढ़ें: इंतज़ार हुआ खत्म, इस दिन रिलीज़ होगा रणबीर की 'संजू' का ट्रेलर
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य