logo-image

'कहानी2' फिल्म रिव्यू: फिल्म में नहीं है पहले जैसी बात, विद्या नहीं अर्जुन रामपाल ने दिखाया कमाल

सुजॉय घोष की चार साल पहले आई विद्या बालन स्टारर फिल्म 'कहानी' दर्शकों के दिलों पर बेहतरीन छाप छोड़ने में कामयाब हुई थी।

Updated on: 03 Dec 2016, 06:16 PM

नई दिल्ली:

सुजॉय घोष की चार साल पहले आई विद्या बालन स्टारर फिल्म 'कहानी' दर्शकों के दिलों पर बेहतरीन छाप छोड़ने में कामयाब हुई थी। इसी तर्ज पर दर्शक 'कहानी2' फिल्म में विद्या के दमदार अभिनय को तलाशते नजर आये। इंडस्ट्री भी विद्या बालन के अ​भिनय का लोहा मानती है। ऐसे में हर किसी को उनकी फिल्मों से काफी उम्मीदें होती हैं। 'कहानी2' में भी उनके और अर्जुन पाल के काम को काफी सराहा गया है।

'कहानी2' की कहानी

'कहानी2' की कहानी शुरू होती है, कोलकाता से कुछ दूर एक पुलिस स्टेशन से। चंदन नगर पुलिस स्टेशन में नए-नए तैनात हुए सब इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह (अर्जुन रामपाल) को एक महिला के एक्सीडेंट की खबर मिलती है। महिला का नाम विद्या सिन्हा (विद्या बालन) है, जो इंद्रजीत के गले नहीं उतर रहा। वो तो इसे दुर्गा रानी सिंह के नाम से जानता है। विद्या की एक 14 साल की बेटी है मिनी (नैशा खन्ना) जो एक्सीडेंट के बाद से गायब है। इंद्रजीत को विद्या के घर की तलाशी के दौरान उसकी एक डायरी मिलती है, जिससे उससे पता चलता है कि वह आठ साल पहले कलिमपॉन्ग (पश्चिम बंगाल में) के एक स्कूल में काम करती थी। यहां उसकी मुलाकात मिनी से हुई थी, जो इलाके के प्रतिष्ठि एवं प्रभावशाली दीवान परिवार से ताल्लुक रखती थी। डायरी में किसी अरुण (तोता रॉयचौधरी) नामक व्यक्ति का भी जिक्र बार-बार आता है, जिससे विद्या की नजदीकियां बढ़ रही थीं।

विद्या के अभिनय को देखने वालों को होगी थोड़ी निराशा 

कुल मिलाकर कहानी विद्या बालन, अर्जुन रामपाल और बच्ची ​के अपहरण के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में सिर्फ विद्या के अभिनय को देखने वालों को थोड़ी निराशा जरूर होगी, क्योंकि अर्जुन रामपाल ने इसमें उनसे कहीं बेहतर काम किया है।

खैर इसमें कोई दो राय नहीं ​है कि सुजॉय घोष जो भी करते हैं, बहुत ही दिल से करते हैं। इस बार भी उनके काम में ऐसा ही देखने को मिला है। दर्शकों को 'कहानी2' से थोड़ी निराशा तो होगी, लेकिन फिल्म पैसा वसूल मानी जा रही है।