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'लाली की शादी में लड्डू दीवाना' मूवी रिव्‍यू: मनोरंजन के नाम पर अत्याचार

लड्डू की भूमिका में विवान शाह हैं जबकि लाली की भूमिका में अक्षरा हासन और वीर के किरदार में गुरमीत चौधरी नजर रहे हैं। इसे त्रिकोणीय प्रेम कहानी भी कह सकते हैं।

Updated on: 08 Apr 2017, 08:30 AM

नई दिल्ली:

हिंदी फिल्मों में कई बार एंटरटेनमेंट के नाम पर दर्शकों के साथ अत्याचार किया जाता है। एक बार फिर यही काम किया है फिल्म 'लाली की शादी में लड्डू दीवाना' ने।

मनीष हरिशंकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म की कहानी लाली और लड्डू के इश्क से शुरू होती है। लेकिन कहानी में एक के बाद एक ट्विस्‍ट है। पहला ट्विस्‍ट तब‍ आता है जब किसी वजह से लाली, लड्डू से नहीं बल्कि वीर से शादी करने का फैसला ले लेती है।

लड्डू की भूमिका में विवान शाह हैं जबकि लाली की भूमिका में अक्षरा हासन और वीर के किरदार में गुरमीत चौधरी नजर रहे हैं। इसे त्रिकोणीय प्रेम कहानी भी कह सकते हैं।

फिल्म की कमजोर कहानी और भटकी पटकथा ने इसे नीरस कर दिया है। कई दृश्य ऐसे लगे जो बेवजह ही इस प्रेम कहानी में दिखे।

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विवान शाह ने अच्छे अभिनय का जौहर दिखाया है, लेकिन वह इस बार शाहरुख खान के साथ अपनी पहली फिल्‍म 'हैप्पी न्यू ईयर' के मुकाबले बेहद अभिनय में बेहद कमजोर नजर आए।

कमल हासन की छोटी बेटी अक्षरा हासन इस बार भी दर्शकों पर अपना जादू कर पाने में नाकाम रहीं। गुरमीत चौधरी, संजय मिश्रा, सौरभ शुक्ला, रवि किशन और दर्शन जरीवाला का अभिनय फिर भी अच्‍छा रहा।

हालांकि यह एक पारिवारिक फिल्म है, जिसे पूरे परिवार के साथ देखा जा सकता है। इस फिल्म में मनोरंजन मिलेगा।

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