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Kedarnath Movie Review: मुक्कु और मंसूर के निश्छल प्रेम की कहानी है 'केदारनाथ'

सारा अली खान ने अपनी डेब्यू फिल्म में शानदार एक्टिंग की है. उन्होंने अपने किरदार हूबहूं पर्दे पर उकेरा है

Updated on: 07 Dec 2018, 11:35 AM

नई दिल्ली:

फिल्म-केदारनाथ
कलाकार-सुशांत सिंह राजपूत,सारा अली खान
निर्देशक- अभिषेक कपूर
स्टार रेटिंग-5/2.5

अब तक बॉलीवुड में कई लव बेस्ड फिल्में बन चुकी हैं और हर बार कहानी में इन प्यार करने वालों के लिए दुनिया समाज दुश्मन बन जाता है. लेकिन फिल्म केदारनाथ की कहानी बस थोड़ी सी अलग है. अभिषेक कपूर ने अपनी इस फिल्म को केदारनाथ आपदा से जोड़ दिया है. जो प्रकृति के भयानक प्रकोप को तो दिखाती ही है और साथ-साथ मुक्कु और मंसूर के निश्छल प्रेम की कहानी भी बयां करती है.

कहानी- फिल्म 'केदारनाथ' की कहानी है एक पुजारी की बेटी मु्क्कु(सारा अली खान) की, जो चुलबुली तो है ही और साथ में जिद्दी भी है. जिसे वहीं के रहने वाले मुसलमान पिठ्ठू वाले मंसूर(सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है. दोनों एकदूसरे को बेपनाह प्यार करने लगते हैं. वहीं इन दोनों की प्रेम कहानी के साथ-साथ केदारनाथ में एक भारी तबाही भी धीरे-धीरे अपना रोद्र रूप धारण कर रही है. जिससे पूरा शहर अंजान है. फिलहाल कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब पुजारी के घर वालों को मालूम चलता हैं कि उसकी बेटी एक मुसलमान से प्यार करती है. जिसके बाद शुरु होता प्यार और समाज के बीच जंग. लेकिन क्या मुक्कु समाज और परिवार के डर से मंसूर को छोड़ देगी. दूसरे धर्म की लड़की से प्रेम करना मंसूर को कितना भारी पड़ेगा और क्या केदारनाथ जलजला मुक्कु और मंसूर को अलग कर देगा. क्या इस भारी तबाही से मुक्कु और मंसूर अपने आप को बचा पाएंगे. ऐसे कई सवालों के जवाब लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी.

डायरेक्शन- अभिषेक कपूर की फिल्म 'केदारनाथ' की शूटिंग पहाड़ों और खूबसूरत वादियों के बीच हुई है. ड्रोन कैमरों की मदद से की गई फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और स्पेशल इफेक्ट इसे चार चांद लगाते हैं. लेकिन फिल्म की कहानी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए था. जो कि भटकती हुई दिखती है. फिल्म की कहानी एक साधारण सी प्रेम कहानी है जिसे 2013 की बाढ़ की परिस्थितियों के साथ इर्द-गिर्द बुना गया है. अधिकतर मामलों में फिल्म बाकी मुद्दों को भूलती नजर आती है. ऐसा लगता है कि फिल्म केदारनाथ की कहानी केवल दर्शकों को भटकाने के लिए दिखाया गया है.

एक्टिंग- सारा अली खान ने अपनी डेब्यू फिल्म में शानदार एक्टिंग की है. उन्होंने अपने किरदार को हूबहूं पर्दे पर उकेरा है. वहीं इतने अच्छे एक्टर होने के बाद भी सुशांत अपने किरदार मंसूर में वो चार्म लाने में कामयाब नहीं हो पाते, ऐसा लगता है कि सुशांत सिर्फ सारा को सपोर्ट करने के लिए काम कर रहे हैं. बाकि मुक्कु की बहन के रोल में पूजा गौर हैं जो अपनी बहन के खिलाफ साजिश करती दिखती हैं.

म्यूजिक- किसी भी फिल्म को हिट करने में उसका संगीत काफी अहम रोल निभाता है. केदारनाथ का संगीत कुछ खास नहीं है. अरजीत सिंह का गाया हुआ गाना जांनिसार, काफिराना आपको कुछ हद तक पसंद आएगा.

क्या खास- अगर आप लव स्टोरी टाइप की फिल्मों के शौकीन हैं और नए टैलेंट के दीवाने हैं तो आप सारा अली खान की वजह से इस फिल्म को देख सकते हैं. खूबसूरत सारा अपनी मां अमृता सिंह की याद दिलाती हैं. चुलबुली सारा आपको काफी पसंद आएंगी.