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भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को मिला सम्मान, चुने गए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी

भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को कलकत्ता खेल क्लब ने सोमवार को देश का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना।

Updated on: 14 Aug 2018, 11:43 AM

नई दिल्ली:

भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को कलकत्ता खेल क्लब ने सोमवार को देश का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना। छेत्री ने एक बयान में कहा, 'पुरस्कार मिलना हमेशा अच्छा लगता है लेकिन खेल पत्रकारों द्वारा सम्मान मिलने से आपको विशेष खुशी होती है। कालेकाता से इस पुरस्कार के मिलने पर मुझे अधिक खुशी हुई क्योंकि मैं यहां के तीन क्लबों के साथ खेला हूं और इस शहर के साथ मेरा व्यक्तिगत जुड़ाव है।'

उनके अलावा यहां राज्य युवा केंद्र के स्वामी विवेकानंद ऑडिटोरियम में पूर्व डेविस कप कोच अख्तर अली, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज अरुण लाल और 1962 एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली फुटबाल टीम के सदस्य अरुन घोष को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया जाएगा।

बता दें कि हाल में ही भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए एक बेहतरीन स्कृप्ट तैयार कर रखी थी। मुंबई में खेला गया इंटरकांटिनेंटल चैंपियनशिप में भारत के सामने केन्या की टीम थी। छेत्री का 100वां मैच था और इस मैच को वह किसी भी हाल में ऐतिहासिक बनाना चाहते थे।

इस मैच में सुनील ने भारत की तरफ से दो गोल किए और इतिहास के सुनहरे पन्नो में अपना नाम दर्ज किया। छेत्री ने 68वें मिनट में पेनल्टी को गोल में तब्दील करते हुए भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई। इसके बाद लालपेकलुआ ने 71वें मिनट में गोल करके भारत की बढ़त दोगुनी कर दी। कप्तान ने फिर 92वें मिनट में एक और गोल करके भारत की तरफ से निर्णायक गोल किया।

सुनील के इस 2 गोल के साथ कुल 61 गोल हो गए हैं। अब अपने देश के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ियों में पुर्तगाली पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो (81) और अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी (64) के बाद वह तीसरे स्थान पर है।

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भारत इस जीत के साथ ही चार देशों के इंटरकॉन्टिनेंटल कप के फाइनल में भी पहुंच गया है। इससे पहले अपने 99वें मैच में छेत्री चाइना ताइपै के खिलाफ क्षेत्री ने हैट्रिक गोल लगाया था और डेविड विला के 59 गोल के रिकॉर्ड की बराबरी की थी।

सुनील छेत्री भी जानते होंगे कि रातोंरात भारतीय फुटबॉल का भविष्य नहीं बदल जाएगा, लेकिन अपने 100वें मैच में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया और जिस संख्या में लोग देखने आए उससे इतना तो साफ है कि आने वाले समय में भारतीय फुटबॉल को वह तब्बजो मिलेगी जो अब तक अन्य खेलों के मुकाबले नहीं मिली है।