सरकारी मदद का इंतजार करते-करते कहीं हिम्मत न हार जाए पैरा-एथलीट, फंड न मिलने से टूट रहा हिंमाशू का हौंसला
हिमांशु कुमार का सपना पूरे भारत में साइकिल पर 10,500 किलोमटर की दूरी तय करने का है, लेकिन उनके इस सपने में फंड की कमी सबसे बड़ी बाधा बन रही है.
नई दिल्ली:
साल 2014 में 225 किलोमीटर दौड़कर और 2016 में साइकिल से 1500 किलोमीटर की दूरी तय कर रिकॉर्ड बनाने वाले पैरा-एथलीट हिमांशु कुमार का सपना पूरे भारत में साइकिल पर 10,500 किलोमटर की दूरी तय करने का है, लेकिन उनके इस सपने में फंड की कमी सबसे बड़ी बाधा बन रही है. हिमांशु तमाम कोशिशों के बाद भी इस समस्या को दूर नहीं कर पा रहे. वह 24 फरवरी को होने वाले आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस नई दिल्ली मैराथन-2019 में पांच किलोमीटर कटेगरी में भी हिस्सा लेंगे. हिमांशु 15 वर्ष की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उन्होंने अपना बांया पैर खो दिया था. इसके बाद वह अपने बाएं पैर में प्रोस्थेटिक ब्लेड का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने सितंबर 2014 में आगरा से दिल्ली की 225 किलोमीटर तक की दूरी को दौड़कर 21 दिनों में तय किया था जबकि फरवरी 2016 में मुंबई से दिल्ली तक साइकिल पर 15 दिनों में 1500 किलोमीटर की दूरी नापी थी. अब उनका लक्ष्य 79 दिनों में 10,500 किलोमटर की दूरी तय करने का है. अगर हिमांशु ऐसा कर पाते हैं तो यह एक विश्व रिकॉर्ड होगा.
तस्वीर: mid-day.com
ये भी पढ़ें- यूपी के इस गांव की हर मां अपने एक बेटे को करेगी भारतीय सेना के नाम, पाकिस्तान को खत्म करना है एकमात्र मकसद
हिमांशु ने कहा, "मैं साइकिल पर लंबी दूरी तय करना चाहता हूं, लेकिन फंड की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पा रहा. मैं पैरा साइकलिंग में विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहता हूं और इसके लिए मैं पिछले दो साल से फंड की तलाश कर रहा हूं. मैंने खेल मंत्रालय में पहले विजय गोयल और अभी राज्यवद्रन सिंह राठौर को भी चिट्ठी लिखी. गोयल जी का मेरे पास फोन आया, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई और राठौर सर ने अभी तक जवाब नहीं दिया है." हिमांशु के पिता नहीं है और वह व्यापार में अपने भाईयों का हाथ बटाते हैं. उन्होंन माना कि जीवन व्यापन के लिए पारिवार में पैसे की दिक्कत नहीं है, लेकिन इलाज के बाद लंबी दूरी की दौड़ के लिए उनके पास धन नहीं बचता. उन्होंने कहा, "पिता के मृत्यु के समय परिवार में आर्थिक समस्या आई थी, लेकिन अब स्थिति बेहतर है. मेरे प्रोस्थेटिक ब्लेड बहुत महंगे आते हैं और इस पर खर्चा करने के बाद मेरे पास फंड की कमी हो जाती है. मैंने विनोद कांबली, सोनू सूद और फरहान अख्तर जैसी हस्तियों से भी मदद मांगी. उन्होंने ट्विटर पर प्रेरणादायक संदेश दिए लेकिन आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं की. एस श्रीसंत के साथ ई-मेल पर बातचीत हुई, लेकिन उन्होंने भी कोई मदद नहीं की."
ये भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश: गुपचुप तरीके से सस्पेंड किए गए IPS ऑफिसर जसवीर सिंह, 30 जनवरी को दिया था विवादित इंटरव्यू
हिमांशु ने माना कि उन्हें लंबी दूरी तय करने के समय शारीरिक रूप से बहुत तकलीफ होती है, लेकिन वह अपने सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. वह कनाडा के धावक टैरी फॉक्स और दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते हैं. हिमांशू ने कहा, "टैरी फॉक्स से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है, वह चैम्पियन पैरा-एथलीट रह चुके हैं. मैं बचपन से क्रिकेटर बनना चाहता था इसलिए सचिन भी मेरे आदर्श हैं. फॉक्स ने 1980 के दशक में अपने देश में दौड़ते थे और अगर आप मौजूदा समय से उस समय की तुलना करेंगे, तो आज तकनीक ने बहुत विकास कर लिया है." उन्होंने कहा, "मैं 2013 में सतारा में पहाड़ पर होने वाली मैराथन में भी दौड़ चुका हूं और उस समय एशिया में कोई भी ऐसा पैरा-एथलीट नहीं था जिसने हिल मैराथन फिनिश की हो. उस रेस के बाद से लोग मेरी कहानी को प्रेरणा के रूप में देखने लगे और मैंने निर्णय लिया कि मैं हमेशा दौड़ना जारी रखूंगा."
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह