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PKL 6: प्रो कबड्डी लीग के छठे खिताब के लिए भिड़ेंगी 12 टीमें, क्या पटना पाइरेटस चौथी बार मारेगी मैदान

पिछले सीजन में शामिल हुई चार नई टीमों में से निकलकर फाइनल तक का सफर तय करने वाली गुजरात फार्च्यूनजाएंट्स ने अपने बेहतरीन रेडर सचिन और महेंद्र राजपूत को रीटेन किया है.

Updated on: 06 Oct 2018, 07:04 PM

नई दिल्ली:

नए रूप में तैयार 12 टीमें एक बार फिर तीन माह के रोमांचक सफर में वीवो प्रो-कबड्डी लीग खिताब के लिए संघर्ष करती नजर आएंगी. प्रो-कबड्डी लीग के छठे सीजन का आगाज रविवार से हो रहा है. देश के 12 राज्यों में ये 12 टीमें अपने प्रशंसकों का मनोरंजन करते हुए खिताब के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगी. 

इस लीग की प्रबल दावेदार माने जाने वाली मौजूदा विजेता पटना पाइरेट्स एक बार फिर अपने सबसे बेहतरीन खिलाड़ी 'डुबकी किंग' प्रदीप नरवाल के दम पर अपना खिताब बचाने उतरेगी, जो पिछले तीन सीजन से उसके पास है. दीपक नरवाल, विकास काले, जवाहर डागर जैसे खिलाड़ी प्रदीप का साथ देंगे. 

पिछले सीजन में शामिल हुई चार नई टीमों में से निकलकर फाइनल तक का सफर तय करने वाली गुजरात फार्च्यूनजाएंट्स ने अपने बेहतरीन रेडर सचिन और महेंद्र राजपूत को रीटेन किया है. इसके अलावा, उसने के. प्रपंजन, परवेश बैंसवाल, हादी ओस्त्रोक को अपने साथ जोड़ा है. पिछले सीजन में अति-आत्मविश्वासी होकर खिताब हारने वाली गुजरात इस बार इस गलती को नहीं दोहराएगी और उसका लक्ष्य खिताब के अपने अधूरे सफर को पूरा करना होगा.

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वीवो प्रो-कबड्डी लीग के पहले संस्करण का खिताब जीतने वाली जयपुर पिंक पैंथर्स ने भी इस बार कमर कसते हुए मैदान पर कदम रखने का फैसला किया है. उसके आत्मविश्वास की मजबूत डोर इस बार दीपक निवास हुड्डा, मोहित चिल्लर, अनूप कुमार जैसे खिलाड़ियों के हाथ में है. पूरी तरह से नए रूप में उतर रही यह टीम इस बार अन्य 11 टीमों पर भारी पड़ सकती है. 


दूसरे सीजन की विजेता यू-मुंबा पर नजर डाली जाए, तो पिछले संस्करणों में अपने कमजोर डिफेंस के कारण खिताब से वंचित रही इस टीम ने इस बार अपने डिफेंस को अधिक मजबूत बनाने पर ध्यान दिया है और इसीलिए, इसने पिछले सीजन में गुजराज फॉर्च्यूनजाएंट्स के बेस्ट डिफेंडर रहे फाजेल अतराचेली को अपनी टीम में शामिल किया है. 

इसके अलावा, मुंबई अबोफजल, रोहित बालियान, धर्मराज चेरालाथन के साथ नए सिरे से लीग के आगाज के लिए और दूसरी बार खिताब पर कब्जा जमाने के लिए तैयार है.

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ऋषांक देवाडिगा को अपना कप्तान बनाने के साथ ही यूपी योद्धा ने यह घोषणा कर दी है कि वह अन्य टीमों के लिए तीन माह के इस सफर को आसान नहीं होने देगी. यूपी ने पिछले सीजन में यू-मुंबा के खिलाड़ी रहे श्रीकांत जाधव को अपनी टीम में शामिल किया है. अपने डिफेंस के लिए उसने जीवा कुमार को चुना है. सात रेडर, आठ डिफेंडर चार हरफनमौला खिलाड़ियों की यह टीम अपने विजयी आगाज का डंका बजाने के लिए तैयार है. 

राहुल चौधरी के साथ एक बार फिर तेलगु टाइटंस छठे सीजन में कदम रखेगी. हालांकि, इस बार टीम विशाल भारद्वाज के नेतृत्व में खेलती नजर आएगी. ऐसे में इस बार राहुल आजाद होकर रेडिंग पर ध्यान देंगे. टीम ने मोहसीन और निलेश सालुंके को रीटेन किया है. नए खिलाड़ियों को रूप में उसने अबोजार, फरहाद को टीम में जगह दी है. अपने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ यह टीम इस बार बेहतर प्रदर्शन की कोशिश करेगी. 

मंजीत चिल्लर, जे दर्शन और पिछले सीजन में गुजरात फार्च्यूनजाएंट्स के कप्तान रहे सुकेश हेगड़े के साथ अपने कप्तान अजय ठाकुर के नेतृत्व में तमिल थलाइवाज कुछ नया करके लीग में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करेगी. पिछले सीजन में उसे केवल अपने कप्तान का सहारा था, लेकिन इस बार वह नए खिलाड़ियों के साथ नई शुरुआत की कोशिश करेगी.

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नितिन तोमर, डिफेंडर परवेश, बजरंग को टीम में शामिल कर इसे मजबूत बनाने की कोशिश की है लेकिन संदीप नरवाल, राजेश मोंडाल, जीबी मोरे, गिरीश मारुति एर्नाक जैसे अपने खिलाड़ियों को रीटेन कर पुनेरी पल्टन ने यह दर्शाया है कि वह नई पहल से अधिक अनुभव पर विश्वास रखती है. इसी अनुभव के साथ वह इस बार केवल तीसरे या चौथे स्थान को हासिल कर चुप नहीं बैठेगी, बल्कि खिताब पर दावा ठोकेगी. 

पिछले सीजन में कई मौकों पर पटना पाइरेट्स को संभालने वाले मोनू गोयट लीग के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी बनकर हरियाणा स्टीलर्स को उसका पहला खिताब दिलाने के लिए तैयार हैं. हरियाणा ने मोनू के रूप में अपने त्रुप का इक्का अन्य 11 टीमों के सामने फेंका है, जो उन पर भारी पड़ सकता है. 

मोनू के कवच के रूप में हरियाणा ने विकास खंडोला, सुरेंद्र नाडा जैसे खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया है, वहीं अपने हम खिलाड़ी कुलदीप सिंह को रीटेन भी किया है. 

पिछली सभी पांच लीगों में बुरे फॉर्म से गुजरने वाली दबंग दिल्ली एक बार फिर अपने दांव फेंकती नजर आएगी. जोगिंदर नरवाल इस बार टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. टीम ने मिराज शेख, तुषार बलमार, विशाल और तपस पाल को रीटेन किया. विशाल मणे, रवींद्र पहल, शब्बीर बापू के साथ टीम एक बार फिर खिताब के लिए अपनी किस्मत आजमाएगी.

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बैंगलुरू बुल्स अपने कप्तान रोहित कुमार के नेतृत्व में इस बार अधिक मजबूती के साथ खिताब के लिए दावेदारी पेश करेगी. महेंद्र सिंह, काशिलिंग अदाके, महेश जैसे खिलाड़ियों के साथ टीम अन्य 11 टीमों के डिफेंस पर वार कर उसे कमजोर करने चाहेगी.

बंगाल वॉरियर्स ने अपने अहम रेडर जांग कुन लीग को अपने पास रखते हुए कप्तान सुरजीत सिंह के नेतृत्व में एक बार फिर खिताब पर दावा ठोकने उतरेगी. हर लीग में बंगाल शुरुआत अच्छी करती है, लेकिन अंत समय में उसका प्रदर्शन फीका पड़ने लगता है. ऐसे में इस बार टीम की लय को अंत तक बने रहते हुए देखना रोमांचक होगा. 

जोन-ए में गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, जयपुर, पुणे और मुंबई को शामिल किया गया है, वहीं जोन-बी में बंगाल, बैंगलुरू, पटना, थलाइवाज, टाइटंस और यूपी को शामिल किया गया है. सात अक्टूबर को पहला मैच पटना पाइरेट्स और तमिल थलाइवाज के बीच जोन-बी में और दूसरा मैच पुनेरी पल्टन और यू-मुंबा के बीच जोन-ए में खेला जाएगा.