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पाकिस्तान का भारत में हो रहे विश्व कप हॉकी में भाग लेना संदिग्ध, PCB ने मदद से किया इंकार

पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने टीम को भुवनेश्वर भेजने और खिलाड़ियों के बकाये का भुगतान करने के लिये पीसीबी से ऋण देने की अपील की थी.

Updated on: 08 Nov 2018, 04:17 PM

कराची:

पाकिस्तान की विश्व कप हॉकी में भाग लेने की उम्मीदों को एक और करारा झटका लगा है क्योंकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भारत में 28 नवंबर से शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये अपने देश की राष्ट्रीय हॉकी टीम को वित्तीय मदद से देने से इन्कार कर दिया है. पाकिस्तान हॉकी महासंघ (पीएचएफ) ने टीम को भुवनेश्वर भेजने और खिलाड़ियों के बकाये का भुगतान करने के लिये पीसीबी से ऋण देने की अपील की थी.

पाकिस्तान के नये मुख्य कोच ताकिर दार और मैनेजर हसन सरदार ने पुष्टि की कि उन्होंने पीसीबी प्रमुख एहसान मनि से बात करके उनसे विश्व कप के खर्चों के लिये ऋण मुहैया कराने का आग्रह किया था.

दार ने कहा, 'हमें उनसे गुरुवार को बैठक करनी थी लेकिन कुछ जरूरी मसलों के कारण उन्होंने हमसे फोन पर बात की. उन्होंने स्पष्ट किया कि पीसीबी पीएचएफ को किसी तरह का अग्रिम ऋण नहीं दे सकता है क्योंकि बोर्ड ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) तौकिर जिया के कार्यकाल के दौरान महासंघ को जो ऋण दिया था उसे लौटाया नहीं.'

दार ने कहा कि मनि ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पुराने ऋण के कारण बोर्ड के लिये नया ऋण देना संभव नहीं है क्योंकि उन्हें अपने वित्तीय सलाहकारों और लेखा परीक्षकों को जवाब देना है.

उन्होंने कहा, 'मनि साहब ने हालांकि आश्वासन दिया कि वह हमें वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिये सरकार और प्रायोजकों से बात करेंगे.'

पीसीबी सचिव शाहबाज अहमद ने भी कहा कि राष्ट्रीय टीम की विश्व कप में भाग लेने की संभावना कम होती जा रही है क्योंकि सरकार ने 80 लाख रूपये का अनुदान देने के पीएचएफ के आवेदन का अब तक जवाब नहीं दिया है.

उन्होंने कहा, 'हमने अब एक सप्ताह के अंदर अनुदान जारी करने के लिये सीधे प्रधानमंत्री सचिवालय को लिखा है. अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारे लिये टीम को भारत भेजना बहुत मुश्किल होगा.'

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विश्व कप 28 नवंबर से 16 दिसंबर के बीच भुवनेश्वर में खेला जाएगा. शाहबाज ने कहा, 'अगर हम टीम को भारत को नहीं भेज पाते हैं तो इससे न सिर्फ हॉकी जगत में हमारी छवि धूमिल होगी बल्कि हमें एफआईएच का जुर्माना भी झेलना होगा.'

दार ने कहा कि उन्होंने मनि से कहा कि वह प्रधानमंत्री से कहें कि सरकार चाहे तो पीएचएफ को पैसा देने के बजाय वह होटल बिल और खिलाड़ियों के बकाये का सीधा भुगतान कर सकती है.

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खिलाड़ियों को अभी एशियाई चैंपियन्स ट्राफी और इस टूर्नामेंट से लगाये गये शिविर के दैनिक भत्ते भी नहीं मिले हैं.

भारतीय उच्चायोग से वीजा सुनिश्चित करने के लिये पीएचएफ ने पहले ही आवेदन कर दिया है क्योंकि दो साल पहले वीजा नहीं मिलने के कारण जूनियर विश्व कप के लिये पाकिस्तान की जूनियर टीम भारत दौरे पर नहीं आ सकी थी. विश्व कप के लिये शिविर हालांकि बुधवार से लाहौर में शुरू हो गया.