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ISL ने भारतीय खिलाड़ियों का किया है कायापलट: इयान ह्यूम

इस लीग की अवधि, प्रायोजन संबधी चीजें, टीमों की संख्या, विदेशी खिलाड़ियों की संख्या, मनोरंजक पक्ष और कई अन्य बातों को लेकर ह्यूम ने कई सारी बातें साझा की हैं।

Updated on: 11 Nov 2017, 09:57 PM

नई दिल्ली:

भारतीय फुटबाल का विकास, हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की मुख्य विचारधारा है। यह जितना सरल है, उतना ही जटिल भी है। एक लीग का खिलाड़ियों और खेल के विकास में कितना योगदान रहा है?

इसके आंकलन के लिए तीन सीजन काफी कम होंगे, लेकिन आईएसएल के मामले में कुछ उदाहरण ऐसे हैं, जो तीन सीजन के बाद ही यह साबित कर सकते हैं कि भारत में इस खेल के विकास के लिए इस लीग की कितनी अहम भूमिका रही है।

साल 2014 में आईएसएल के साथ जुड़ने के बाद सभी टीमों के डिफेंडरों के लिए सिरदर्द बने रहे केरला ब्लास्टर्स के स्टार कनाडाई फारवर्ड इयान ह्यूम आज यह बताने की स्थिति में हैं कि आईएसएल ने अपनी शुरुआत से लेकर कितना सार्थक विकास किया है।

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इस लीग की अवधि, प्रायोजन संबधी चीजें, टीमों की संख्या, विदेशी खिलाड़ियों की संख्या, मनोरंजक पक्ष और कई अन्य बातों को लेकर ह्यूम ने कई सारी बातें साझा की हैं।

मुंबई में आयोजित आईएसएल मीडिया-डे के अवसर पर ह्यूम ने कहा कि कई लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या हीरो आईएसएल ने भारतीय फुटबाल के विकास में योगदान दिया है।

मेरे मन में इस बात को लेकर कोई शंका नहीं है कि इस लीग ने अपने मकसद को हासिल किया है। मैंने देखा है कि मेरे साथ और मेरे खिलाफ खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार विकास किया है।

मेरे लिए 2014 और 2017 के बीच का अंतर काले और सफेद जैसा है। तीन साल में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। इस विकास को भारतीय फुटबाल टीम की नई ऊंचाइयों के रूप में भी देखा जा सकता है। भारत अब फीफा रैंकिंग में शीर्ष-100 में शामिल हो चुका है।

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