मुक्केबाजी : जर्मनी में भारत के जूनियर लड़कों ने जीते 6 स्वर्ण
भारत के जूनियर मुक्केबाजों के प्रतिनिधिमंडल ने यहां आयोजित पांचवें अंतर्राष्ट्रीय स्वेन लांज मेमोरियल टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए छह स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक जीते।
नई दिल्ली:
भारत के जूनियर मुक्केबाजों के प्रतिनिधिमंडल ने यहां आयोजित पांचवें अंतर्राष्ट्रीय स्वेन लांज मेमोरियल टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए छह स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक जीते।
रविवार को समाप्त हुए तीन दिनों तक चले अंडर-17 टूर्नामेंट में दुनिया भर के मुक्केबाजों ने हिस्सा लिया। टूर्नामेंट का आयोजन एआईबीए के मानकों के तहत हुआ।
भारत के लिए भवेश काट्टामनी ने 52 किलोग्राम कटेगरी में जर्मनी के लाजेक साडेक को 5-0 से हराकर स्वर्ण जीता। इसी तरह 60 किलोग्राम वर्ग के फाइनल में अक्षय ने डेनमार्क के निकोलाई टी. को 3-2 से हराया। 63 किलोग्राम वर्ग में विजयदीप ने नीदरलैंड्स के ब्रायन वोसेन को हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
इश पन्नू ने जर्मनी के जॉन गेरहॉसर को हराकर भारत को एक और स्वर्ण दिलाया जबकि विनीत ने 75 किलोग्राम में फ्रांस के राफेल मोनी और लक्षय ने 80 किलोग्राम वर्ग में जर्मनी के रासी अल जेन को हराकर स्वर्म जीता।
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कुछ खिलाड़ी हालांकि फाइनल में हार गए। रजत जीतने वालों में अनिल (48 किग्रा), स्वपनिल (50 किग्रा), अमन (54 किग्रा) और सतेंद्र (80 किग्रा से अधिक) शामिल हैं। भारतीय टीम के लिए एकमात्र कांस्य आकाश ने जीता।
आकाश ने 66 किग्रा वर्ग में यह पदक हासिल किया। वह सेमीफाइनल में स्लोवानिया के गासी सादिक से हार गए थे।
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