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Hockey World Cup 2018: विश्व कप की राह में भारत के लिए नीदरलैंड्स की कड़ी चुनौती

भारत ने पूल-सी में 3 मैचों में 2 जीत और एक ड्रॉ के बाद टॉप पर रहकर अंतिम-8 में जगह बनाई। भारतीय हॉकी टीम वर्ल्ड रैंकिंग्स में नीदरलैंड (Netherlands) से एक पायदान नीचे पांचवें स्थान पर काबिज है।

Updated on: 13 Dec 2018, 01:13 PM

नई दिल्ली:

हॉकी वर्ल्ड कप (Hockey World Cup) में 43 साल बाद मेडल जीतने का सपना लेकर उतरी भारतीय हॉकी टीम के सामने आज (गुरुवार को) क्वॉर्टर फाइनल में नीदरलैंड (Netherlands) के रूप में कड़ी चुनौती होगी. ग्रुप स्तर के संघर्ष से पार पाकर भारतीय पुरुष हॉकी टीम क्वार्टर फाइनल में तो पहुंच गई है लेकिन सेमीफाइनल के लिए उसे बड़ी लड़ाई लड़नी है. भारतीय टीम को ओडिशा हॉकी विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए तीन बार की चैम्पियन नीदरलैंड (Netherlands) से भिड़ना है और उसके लिए यह लड़ाई आसान नहीं होगी.

भारत ने पूल-सी में 3 मैचों में 2 जीत और एक ड्रॉ के बाद टॉप पर रहकर अंतिम-8 में जगह बनाई. भारतीय हॉकी टीम वर्ल्ड रैंकिंग्स में नीदरलैंड (Netherlands) से एक पायदान नीचे पांचवें स्थान पर काबिज है.

नीदरलैंड (Netherlands) जहां चौथे खिताब के लिए एक और कदम बढ़ाने मैदान पर उतरेगी, वहीं भारतीय टीम का लक्ष्य 1975 के बाद पहली बार विश्व खिताब जीतते हुए साल का समापन करना है.

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नीदरलैंड (Netherlands) पूल डी में दूसरे स्थान पर रहकर क्रॉस ओवर खेला और कनाडा को पांच गोल से रौंदकर क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचा. हालांकि भारतीय टीम आज तक वर्ल्ड कप में कभी नीदरलैंड (Netherlands) को नहीं हरा सकी है. लिहाजा आज टीम इस मिथक को तोड़ने की कोशिश करेगी. हालांकि पिछले 9 मुकाबलों में दोनों टीमों का पलड़ा बराबर का रहा है.

दोनों टीमों के बीच 2013 से 9 मुकाबले हुए हैं इसमें से चार भारत ने जीते हैं और चार नीदरलैंड (Netherlands) ने और एक मैच ड्रॉ रहा है.

वर्ल्ड नम्बर-4 नीदरलैंड (Netherlands) का डिफेंस और अटैक दोनों ही मजबूत हैं और मलेशिया के खिलाफ 7-0 और क्रॉसओवर में 5-0 के खिलाफ मिली जीत ये साफ जाहिर करता है कि भारतीय टीम के लिए गोल स्कोर करना मुश्किल हो सकता है.

भारत के लिए नीदरलैंड (Netherlands) के अटैक को रोकना जरूरी है और सबसे अहम है उसका प्रतिद्वंद्वी टीम को पेनाल्टी कॉर्नर न देना क्योंकि भारतीय टीम पेनाल्टी कॉर्नर को रोकने और उस पर गोल करने में अब भी संघर्ष कर रही है.

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वर्ल्ड नम्बर-5 मेजबान टीम के पास हालांकि, वरुण कुमार, ललित उपाध्याय, सिमरनजीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह और आकाशदीप सिंह के रूप में ऐसे आक्रामक खिलाड़ी हैं, जो किसी भी टीम पर भारी पड़ सकते हैं. कनाडा के खिलाफ अंतिम ग्रुप मैच में 4-1 से मिली जीत में इन खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में घरेलू प्रशंसकों और कोच हरेंद्र सिंह को इनसे काफी उम्मीदें हैं.

सिमरनजीत का कहना है कि भारत के पास क्वार्टर फाइनल के लिए योजना है. टीम का लक्ष्य मिडफील्ड पर कब्जा जमाकर आक्रामक खिलाड़ियों के लिए अवसर बनाना है.

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नीदरलैंड (Netherlands) की टीम इस बात से भलीभांति परिचित है कि भारतीय टीम को उसी के घर में हराना मुश्किल होगा, लेकिन उन्हें इस बात का विश्वास है कि उनकी टीम अच्छी फॉर्म में है और वह भारत के खिलाफ उसी के घर में करो या मरो के मुकाबले के लिए तैयार है.