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CWG 2018: कॉमनवेल्थ गेम्स का क्या है इतिहास और कैसा रहा 1930 से अब तक भारत का प्रदर्शन

राष्ट्रमंडल खेलों में पदक पर हर देश के खिलाड़ियों की नज़र है। आईए आज जानते हैं आखिर कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास क्या है।

Updated on: 04 Apr 2018, 01:20 PM

नई दिल्ली:

कॉमनवेल्थ गेम्स का आगाज 4 अप्रैल से ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाला है। राष्ट्रमंडल खेलों में पदक पर हर देश के खिलाड़ियों की नज़र है। आईए आज जानते हैं आखिर कॉमनवेल्थ गेम्स का इतिहास क्या है और कैसा रहा है आज तक भारत का प्रदर्शन।

क्या है राष्ट्रमंडल
राष्ट्रमंडल देशों का निर्माण ब्रिटेन ने किया था। इसमें वह सभी 53 देश शामिल हैं जो कभी ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था के भाग थे। राष्ट्रमंडल देशों के निर्माण के पीछे उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढ़ावा देना था।

पहला राष्ट्रमंडल खेल 1930 में कनाडा में खेला गया था और तब से ही इसका आयोजन हर 4 साल बाद होता रहा है हालाकि 1942 और 1946 में इसका आयोजन नहीं हुआ था।इसका कारण था उस वक्त चल रहा द्वितीय विश्व युद्ध।

कैसे हुई शुरुआत

कॉमनवेल्थ गेम्स को शुरु करने का श्रेय ब्रिटिश हुकूमत को जाता है। अंग्रेज अधिकारी रिवरेंड एश्ले कूपर ने इसका आइडिया ब्रिटिश हुकूमत को दिया था। उनका कहना था कि जिन देशों पर ब्रितानिया सरकार की हुकूमत है उन देशों में इस तरह का खेल आयोजन हो। ऐसा होने से खेल भावना तो बढ़ेगी ही साथ ही ब्रितानियां सरकार के प्रति लोगों अच्छी भावना जगेगी।

1928 में कनाडियाई मूल के एथलीट बॉबी रॉबिनसन को पहले राष्ट्रमंडल खेलों जिम्मेदारी सौंपी गई थी और तब 1930 में पहली बार इस खेल का आयोजन हुआ। पहले राष्ट्रमंडल के लिए कनाडा के शहर हैमिलटन ने भाग लेने वाले देशों के खिलाड़ियों की यात्रा के ख़र्च के लिए 30,000 डॉलर दिए।

1930 में आयोजित हुए पहले राष्ट्रमंडल खेलों में 11 देशों ने कुल 400 एथलीट्स भेजे। पहली बार महिलाओं ने सिर्फ़ तैराकी के मुक़ाबलों में हिस्सा लिया था।

2-दूसरा राष्ट्रमंडल खेल 1934 में कनाडा की जगह इंग्लैंड में आयोजित हुआ। इस बार पिछली बार से ज्यादा यानि 16 देशों ने भाग लिया। यह पहला मौका था जब  भारत भी राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा था।

इस बार इंग्लैंड ने 29 स्वर्ण के साथ कुल 73 पदक जीते। भारत को एक मात्र कांस्य पदक कुश्ती में मिला। पुरुष के 74 किलो ग्राम वर्ग वाले मुक़ाबले में राशिद अनवर ने भारत के लिए खाता खोला।

3-1938 में राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरी बार आयोजन हुआ। इस बार आयोजन स्थल था ऑस्ट्रेलिया का सिडनी शहर। इस बार कुल 15 देशों ने हिस्सा लिया और श्रीलंका पहली ओलंपिक्स में भाग ले रहा था।

इस बार ऑस्ट्रेलिया के धावक उम्मीदों पर खरे उतरे और 71 स्वर्ण पदकों में से उन्होंने 25 पर क़ब्ज़ा जमाया। भारत को इस बार एक भी मेडल नहीं मिला। पहली बार हिस्सा ले रही श्रीलंका ने 1 पदक जीता। उसने 57 किलो ग्राम वर्ग मुक्केबाज़ी मुक़ाबले में स्वर्ण पदक हासिल किया।

इसके बाद अगले 8 सालों तक कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन नहीं हुआ। दूसरे विश्वयुद्ध की वजह से अगले 2 बार इसका आयोजन नहीं हुआ लेकिन फिर जब राष्ट्रमंडल खेलों के चौथे संस्करण का आयोजन 1950 में हुआ तो ज़रा सा भी नहीं लगा कि इन खेलों को लेकर उत्साह में कमी आई है।

4-1950 में इसका आयोजन न्यूजीलैंड के सबसे बड़े शहर ऑक्लैंड में हुआ।

इस बार भी ऑस्ट्रेलिया ने पदकों के मामले में सबको पछाड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया के एथलीट्स ने 34 स्वर्ण के साथ कुल 80 पदक हासिल किए। वहीं होस्ट नेशन न्यूजीलैंड ने कुल 54 पदक जीते जसमें 10 स्वर्ण पदक थे।

चौथे राष्ट्रयमंडल खेल में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था।

5- 1954 में पांचवें राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन एक बार फिर पहले राष्ट्रमंडल होस्ट करने वाले देश कनाडा में हुआ। इस बार इन खेलों का नाम ब्रिटिश एंपायर गेम्स से बदलकर ब्रिटिश एंपायर एंड कॉमनवेल्थ गेम्स रख दिया गया।

इस बार राष्ट्रमंडल गेम्स का पहली बार टीवी के जरिए टेलिकास्ट किया गया।

इधर भारत आजादी के बाद दो हिस्सों में बंट गया था। भारत और भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान ने इस राष्ट्रमंडल खेल में हिस्सा लिया। इस बार बहामास, बारबाडोस, घाना, कीनिया, और यूगांडा पहली बार इसमें शामिल हुए थे।

कुल 92 स्वर्ण पदकों के साथ इंग्लैंड पदक तालिका में टॉप पर रहा। भारत और पाकिस्तान दोनों को निराशा हाथ लगी।

6- राष्ट्रमंडल का छठा संस्करण 1958 में दक्षिण अफ्रीका के वेल्स में हुआ। इस बार सबसे अधीक 35 देशों के 1122 एथलीट्स ने हिस्सा लिया।

इस बार भी इंग्लैंड ने ही पदक तालिका में बादशाहत बनाई। उसने 29 स्वर्ण पदक के साथ कुल 80 पदक जीते। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया था जिसने 27 स्वर्ण के साथ कुल 66 पदक जीते।

इस बार के राष्ट्रमंडल में भारत को पहला गोल्ड मेडल मिला। मिल्खा सिंह ने 440 गज़ की दौड़ में रिकॉर्ड बनाया तो 100 किलोग्राम वर्ग के कुश्ती मुक़ाबलों में लीला राम ने स्वर्ण पदक जीता।

इस बार भारत के अलावा पाकिस्तान ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 स्वर्ण के साथ कुल 10 पदक जीते।

7-1962 में जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था तब राष्ट्रमंडल के सातवें संस्करण का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हुआ। पपुआ न्यू गिनिया, और सेंट लूसिया से देश पहली बार इसका हिस्सा बने।

मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने पदक जीतने के मामले में शतक लगाया। उसने 38 स्वर्ण, 36 रजत और 31 कांस्य पदक जीते। इस बार भी भारत-चीन युद्ध की वजह से हिस्सा नहीं ले पाया लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने 8 स्वर्ण जीता।

8- 1966 में आठवां राष्ट्रमंडल खेल आयोजित किया गया। इस बार इसका आयोजन अमरीकी महाद्वीप में जमैका में हुआ। इंग्लैंड ने 33 स्वर्ण पदक के साथ कुल 80 पदक जीते तो वहीं भारत के झोली में भी तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक आए।

9-1970 का राष्ट्रमंडल खेल स्कॉटलैंड के शहर एडिनब्रा में आयोजित हुआ। इस बार 42 देशों के 1744 एथलीट्स ने हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया को 36 स्वर्ण के साथ कुल 82 पदक मिले। भारत ने 12 पदक जीते जिसमें पांच स्वर्ण पदक शामिल थे।

10- 1974 में राष्ट्रमंडल के 10वां सीजन न्यूजीलैंड में आयोजित हुआ। इसमें कुल 1276 एथलीट्स ने भाग लिया। एकबार फिर ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने अपना दबदबा कायम रखा। ऑस्ट्रेलिया ने 29 स्वर्ण समेत कुल 82 पदक पर क़ब्ज़ा जमाया जबकि इंग्लैंड ने 28 स्वर्ण के साथ कुल 80 पदक जीते।

भारत ने भी हर भार से बेहतर प्रदर्शन करते हुए कुल 15 पदक हासिल किए।

11- 1978 में दो बार राष्ट्रीमंडल खेलों का आयोजन कर चुके कनाडा तीसरी बार आयोजन स्थल बना। इन दिनों अफ्रीका में नस्लभेद को लेकर संघर्ष जारी था और इसलिए आयोजनकर्ताओं ने विशेष ध्यान दिया कि अफ्रीकी देश इसका बहिष्कार न करें।

इस बार 46 देशों के 1474 एथलीट्स ने भाग लिया। इस बार कनाडा ने चमत्कार कर दिया। मेजबान देश ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को पीछे छोड़ते हुए पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। कनाडा ने 45 स्वर्ण के साथ कुल 109 पदक जीते।

इस बार भारत ने कुल 15 पदक जीते जिसमें 5 स्वर्ण पदक थे।

12- 1982 में बारहवें राष्ट्रमंडल खेल का ऑस्ट्रेलिया के शहर ब्रिसबेन में आयोजन हुआ। पदक तालिका पर एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया का कब्जा हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज़्यादा स्वर्ण पदक हासिल किए। 39 स्वर्ण, 39 रजत और 29 कांस्य पदक के साथ कुल 107 पदक उसकी झोली में आए।

इस बार भारत ने पिछली बार से 1 पदक ज्यादा कुल 16 मेडल जीते। भारत ने पांच स्वर्ण और आठ रजत पदक शामिल रहे। इस बार पहली बार भारत छठे स्थान पर नज़र आया।

13- 1986 में राष्ट्रमंडल खेलों के 13वें संस्करण का आयोजन स्कॉटलैंड के शहर एडिनब्रा में हुआ। इस बार 26 देशों के 1662 एथलीट्स ने भाग लिया। इंग्लैंड एक बार फिर 52 स्वर्ण के साथ नंबर एक पर रहा तो वहीं भारत ने इस बार हिस्सा नहीं लिया।

14- 1990 में जब राष्ट्रमंडल के 14वें संस्करण का आयोजन हुआ तो एक बार फिर न्यूजीलैंड होस्ट बना। कुल 55 देशों के 2826 एथलीट्स ने इस बार शिरकत की। ऑस्ट्रेलिया के हिस्से में 52 स्वर्ण के साथ कुल 162 पदक आए। भारत ने भारोत्तोलन में बेहतरीन प्रदशर्न करते हुए 5 मेडल जीते।

15- 1994 में खेलों का आयोजन कनाडा के शहर विक्टोरिया में हुआ। 63 देशों ने अपने 2557 एथलीट्स ने हिस्सा लिया। इस ओलंपिक में आकर्शन का केंद्र रही नाइजीरिया जिसने 11 स्वर्ण के साथ कुल 37 पदक हासिल किए।

इस संस्करण के बाद हॉंगकॉंग ने ओलंपिक को अलविदा कह दिया। 1977 में उसका चीन के साथ विलय हो गया था।

16- 1998 का राष्ट्रमंडल एशियन देश के लिए बेहद खास रहा। पहली बार इसका आयोजन एसिया में हुआ। राष्ट्रमंडल खेलों का 16वां संस्करण मलेशिया की राजधानी क्वालालंपुर में 1998 में हुआ। पहली बार ओलंपिक में टीम इवेंट को शामिल किया गया।

ऑस्ट्रेलिया ने 80 स्वर्ण के साथ कुल 198 पदक जीते। भारत ने भी पदकों की संख्या में इजाफा किया। भारत ने 1998 में कुल 25 पदक जीते जिसमें 7 गोल्ड मेडल थे।

17- 2002 में राष्ट्रमंडल का आयोजन एक बार फिर इंग्लैंड में हुआ। इस बार सबसे अधीक 72 देशों ने इसमें हिस्सा लिया। इस बार भारत पूरी दुनिया में छा गया।  भारत ने कुल 30 स्वर्ण पदक जीते और भारत पहली बार चौथे स्थान पर रहा। भारत ने कुल 69 पदक हासिल किए।

इस बार भी ऑस्ट्रेलिया ने 82 स्वर्ण के साथ कुल 207 पदक जीते और पदकतालिका में 1 पर रहा।

18- 2006 में ऑस्ट्रेलिया के शहर मेलबॉर्न में राष्ट्रमंडल खेलों का 18वां संस्करण 2006 में आयोजित हुआ। 71 देशों के 5766 एथलीट्स ने इस बार हिस्सा लिया। भारत ने 22 स्वर्ण के साथ कुल 49 पदक जीते।

19-2010 ओलंपिक भारत की राजधानी दिल्ली को 19वें राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए चुना गया। 1982 में एशियाई खेलों के आयोजन के बाद से यह दिल्ली में सबसे बड़ा आयोजन हुआ। इस बार भारत ने अपने देश में दर्शकों को निराश नहीं किया और पदकों का शतक लगाया। भारत ने कुल 101 पदक जीते और पदक तालिका में ऑस्ट्रेलिया के 177 पदक के बाद दसरे स्थान पर रहा।

20- 2014 राष्ट्रमण्डल खेल (आधिकारिक XX राष्ट्रमण्डल खेल) ग्लासगो, स्कॉटलैंड, में 23 जुलाई से 3 अगस्त 2014 के मध्य आयोजित हुआ। 

यह स्कॉटलैंड में होने वाला अब तक का सबसे बड़ा बहु-खेल आयोजन रहा जिसमे 4,560 खिलाड़ी 17 विभिन्न खेलों में भाग लिया। स्कॉटलैंड में इससे पूर्व एडिनबरा में 1970 और 1986 के राष्ट्रमण्डल खेल आयोजित कर चुका है।

इस बार भारत अपने पिछले बार के प्रदर्शन को दोहराने में असफल रहा। भारत के हाथ सिर्फ 64 पदक लगे और वह पदकतालिका ने पांचवें स्थान पर रहा। इंग्लैंड इस बार भी सबसे ज्यादा 174 मेडल जीता।