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भारतीय खेलों के इतिहास में पहली बार जजों के सामने होगा मुकाबला, जाने क्या है मामला

शनिवार को होने वाला यह मुकाबला पुरुष कबड्डी और महिला कबड्डी के उन खिलाड़ियों के बीच होगा जिन्होंने 18वें एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया और जिन्हें चयनकर्ताओं ने टीम में जगह नहीं दी थी।

Updated on: 15 Sep 2018, 09:27 AM

नई दिल्ली:

शनिवार को भारतीय खेल के इतिहास में कुछ ऐसा होने वाला है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ। दिल्ली के राजीव गांधी स्टेडियम में आज भारतीय खिलाड़ी किसी खिताब के लिए नहीं बल्कि अपनी प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए कबड्डी का मैच खेलने उतरेंगे। इतना ही नहीं, इस मैच में कौन सम्मान का अधिकारी है यह तय करने के लिए अदालत के सामने यह मैच होगा।

भारतीय खेलों के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब अदालत की निगरानी में कोई मैच खेला जायेगा।

दरअसल पिछले महीने पूर्व कबड्डी खिलाड़ी महिपाल सिंह ने एमच्‍च्‍योर कबड्डी महासंघ पर घूस लेकर टीम के चयन का आरोप लगाते हुए दिल्‍ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने एशियाई खेलों के समापन के बाद इस मैच का आयोजन कराने का निर्णय लिया था।

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शनिवार को होने वाला यह मुकाबला पुरुष कबड्डी और महिला कबड्डी के उन खिलाड़ियों के बीच होगा जिन्होंने 18वें एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व किया और जिन्हें चयनकर्ताओं ने टीम में जगह नहीं दी थी।

अगर एशियाई खेलों में कांस्य और रजत पदक विजेता टीम यहां हारती है तो उनके सम्‍मान और उनकी काबिलियत पर भी सवाल उठेंगे।

गौरतलब है कि एशियन गेम्‍स में जकार्ता एशियाड से पहले अजेय रहने वाली दोनों टीमों को हार का सामना करना पड़ा था और महिला टीम को फाइनल में ईरान ने और पुरुष टीम को सेमीफाइनल में ईरान ने हराया था।

मुख्‍य न्‍यायधीश न्‍यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्‍यासमूर्ति वीके राव ने इस मामले की सुनवाई करते हुए दो अगस्‍त को आदेश दिया था कि 15 सितंबर को सुबह 11 बजे इसका आयोजन किया जाएगा।

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पीठ ने दिल्ली हाईकोट के न्यायाधीश (रिटायर ) एस.पी गर्ग को खेल एवं युवा मंत्रालय के एक अधिकारी के साथ चयन का पर्यवेक्षक नियुक्त किया।

बता दें कि इस टीम में जगह बनाने वाले वहीं खिलाड़ी होंगे, जिन्‍होंने नेशनल कैंप में हिस्‍सा लिया था। नागर का मानाना है कि हालांकि खिलाड़ी इससे बचने की कोशिश के लिए चोट वगरैह आदि बहानों का सहारा ले सकते हैं।