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CBSE रिजल्ट से पहले हो गई थी मौत, फिर भी किया मां-बाप का नाम रौशन

विनायक श्रीधर की जिंदगी ने बाकी दो सब्जेक्ट्स में बैठने से पहले ही ने उनका साथ छोड़ दिया.

Updated on: 08 May 2019, 08:54 AM

highlights

  • विनायक श्रीधर स्टीफन हॉकिंग को अपना आदर्श मानता था
  • उसने लगभग 100 प्रतिशत अंक हासिल किए
  • श्रीधर जब 2 साल का था तब उसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से ग्रसित हो गया था

नई दिल्ली:

सीबीएसई की दसवीं कक्षा (CBSE 10th) का छात्र विनायक श्रीधर स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) को अपना आदर्श मानता था. श्रीधर ने अपनी मृत्यु से पहले सीबीएसई की 10वीं कक्षा की जिन 3 सब्जेक्ट्स का एग्जाम दिया उन सभी में उसने लगभग 100 प्रतिशत अंक हासिल किए.

विनायक श्रीधर की जिंदगी ने बाकी दो सब्जेक्ट्स में बैठने से पहले ही ने उनका साथ छोड़ दिया. उसने अंग्रेजी में 100 अंक हासिल किए, विज्ञान में 96 और संस्कृत में 97 अंक हासिल किए.

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श्रीधर जब 2 साल का था तब उसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (मांसपेशियों से संबंधी बीमारी) से ग्रसित हो गया था. विनायक श्रीधर 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में टॉप करना, अंतरिक्ष यात्री बनना चाहता था. यह बीमारी डिस्ट्रोफिन की कमी के कारण होती है, जो एक तरह का प्रोटीन होता है. यह मांसपेशियों को सही काम करने में मदद करता है.

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विनायक श्रीधर नोएडा के एमिटी इंटरनेशनल स्कूल का छात्र था. सीबीएसई 10वीं के नतीजे सोमवार को घोषित किए गए थे. उनकी मां ममता ने बताया, 'विनायक कहता था कि वह एस्ट्रोनॉट बनना चाहता है. वह कहता था कि अगर स्टीफन हॉकिंग्स ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई और कॉस्मोलॉजी में नाम कमा सकते हैं तो मैं भी स्पेस में जा सकता हूं. उसे पूरी उम्मीद थी कि वह जरूर टॉप करेगा.' उनकी मां से बताया कि उसके विश्वास को देखकर हम दंग रह जाते थे और उसे हमेशा प्रेरित करते थे.