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बजट से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव, लाल निशान में सेंसेक्स और निफ्टी, आईटी शेयरों में बिकवाली जारी

बजट से पहले जारी अनिश्चितताओं को लेकर बाजार की शुरूआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई है। बजट पेश किए जाने को लेकर अटकलों के बीच भारत के शेयर बाजार हल्की मजबूती के साथ खुले लेकिन उसके बाद ही सेंसेक्त और निफ्टी लाल निशान में चले गए।

Updated on: 01 Feb 2017, 10:22 AM

highlights

  • बजट से पहले जारी अनिश्चितताओं को लेकर बाजार की शुरूआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई है
  • बजट पेश किए जाने को लेकर अटकलों के बीच भारत के शेयर बाजार हल्की मजबूती के साथ खुले
  • हालांकि शुरुआती मजबूती के बाद सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में चले गए, आईटी शेयरों में भारी गिरावट

New Delhi:

बजट से पहले जारी अनिश्चितताओं को लेकर बाजार की शुरूआत उतार-चढ़ाव के साथ हुई है। बजट पेश किए जाने को लेकर अटकलों के बीच भारत के शेयर बाजार हल्की मजबूती के साथ खुले लेकिन उसके बाद ही सेंसेक्त और निफ्टी लाल निशान में चले गए। सेंसेक्स और निफ्टी में आईटी शेयर भारी दबाव में दिख रहे हैं। ट्रंप के वीजा बैन की वजह से भारतीय आईटी इंडस्ट्री सकते में है।

सेंसेक्स में इंफोसिस और टीसीएस करीब 2.5 फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। एच1बी वीजा संबंधी नियमों को कड़े किए जाने के संकेतों की वजह से आईटी बाजार दबाव में है वहीं घरेलू कारणों से सेंसेक्स और निफ्टी में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।

प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 9.42 बजे 16.67 अंकों की गिरावट के साथ 27,639.29 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 5.10 अंकों की कमजोरी के साथ 8,556.20 पर कारोबार करते देखे गए।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 13.12 अंकों की मजबूती के साथ 27669.08 पर, जबकि एनएसई का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 9.05 अंकों की मजबूती के साथ 8,570.35 पर खुला।

सेंसेक्स फिलहाल 10 अंकों की गिरावट के साथ सपाट कारोबार कर रहा है वहीं निफ्टी मामूली गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। कारोबार के शुरुआत में निफ्टी में 29 शेयर हरे निशान में जबकि 22 शेयल लाल निशान में ट्रेड कर रहा है।

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बजट से ठीक एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान में कटौती कर दी है। जीडीपी अनुमान में कटौती किए जाने से बाजार के सेंटीमेंट पर उल्टा असर पड़ा है।

बाजार की नजर बजट में पेश किए जाने वाले राजकोषीय घाटे के आंकड़ों पर होगी। नोटबंदी के बाद बाजार और कॉरपोरेट को बाजार के काफी उम्मीदें हैं। बजट से पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में किसानों, गरीबों के साथ कॉरपोरेट को दिए जाने वाली राहत के संकेत दिए जा चुके हैं।

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इसके साथ ही कर सुधार, सामाजिक क्षेत्र के लिए किए जाने वाले खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर पर किए जाने वाले खर्च को लेकर घोषणा किया जाना है। बजट से ठीक एक दिन पहले आर्थिक सर्वे में मौजूदा वित्त वर्ष के साथ अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान में कटौती की जा चुकी है। बाजार पर इसका असर देखने को मिल रहा है।