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सेबी का बड़ा तोहफा: ब्रोकर फीस में बड़ी कटौती, रिट्स फंड में MF निवेश को मिली अमुमति

बाजार नियामक संस्था सिक्योरिटी एक्सजेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने शेयर ब्रोकरों को बड़ी राहत देते हुए ब्रोकर फीस में बड़ी कटौती कर दी है। सेबी ने ब्रोकर फीस में 25 फीसदी की कटौती करते हुए इसे प्रति करोड़ रुपये के ट्राजैक्शन पर घटाकर 15 रुपये कर दिया है।

Updated on: 14 Jan 2017, 11:38 PM

highlights

  • बाजार नियामक संस्था सेबी ने शेयर ब्रोकरों को बड़ी राहत देते हुए ब्रोकर फीस में बड़ी कटौती कर दी है
  • सेबी ने ब्रोकर फीस में 25 फीसदी की कटौती करते हुए इसे प्रति करोड़ रुपये के ट्राजैक्शन पर घटाकर 15 रुपये कर दिया है

New Delhi:

बाजार नियामक संस्था सिक्योरिटी एक्सजेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने शेयर ब्रोकरों को बड़ी राहत देते हुए ब्रोकर फीस में बड़ी कटौती कर दी है। सेबी ने ब्रोकर फीस में 25 फीसदी की कटौती करते हुए इसे प्रति करोड़ रुपये के ट्राजैक्शन पर घटाकर 15 रुपये कर दिया है।

इसके साथ ही सेबी ने म्युचुअल फंड को रिट्स फंड में निवेश करने की अनुमति दी है। सेबी ने कंपनियों के विलय और अधिग्रहण की प्रक्रिया को सख्त कर दिया है। अब अगर किसी गैर सूचीबद्ध कंपनी का सूचीबद्ध कंपनी के साथ विलय होता है तो उसे 25 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियमों का पालन करना होगा।

सेबी बोर्ड ने इसके साथ ही सभी ब्रोकर्स और कंपनियों को रेग्युलेटरी पेमेंट डिजिटल तरीके से किए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी है। सेबी के इस फैसले के बाद वित्तीय लेन-देन में तेजी आएगी वहीं पेमेंट गेटवे के मसले को भी सुलझाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बोर्ड ने कुछ नए शुल्क लगाने का भी फैसला लिया है।

बोर्ड की बैठक के बाद जारी बयान में सेबी ने कहा, 'अगले तीन वित्त वर्ष के लिए सेबी की अनुमानित आय और खर्च को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने ब्रोकर्स की फीस को 25 फीसदी घटाते हुए इसे प्रति करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 20 रुपये से 15 रुपये कर दिया है।'

काफी लंबे समय से ब्रोकर और बाजार सेबी से फीस को कम किए जाने की मांग कर रहे थे। सेबी ने कहा, 'इससे लेन-देन की लागत में कमी आएगी और निवेशकों को फायदा होगा। साथ ही सिक्योरिटी मार्केट को फायदा होगा।