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और घट सकते हैं पेट्रोल डीजल के दाम, ये है कारण

विदेशी बाजार में आई कमजोरी से घरेलू वायदा बाजार में बीते सत्र में कच्चे तेल का दाम करीब साढ़े सात फीसदी लुढ़कर बंद हुआ, जिससे संभावना है कि पेट्रोल और डीजल के रेट और कम हो सकते हैं.

Updated on: 14 Nov 2018, 10:49 AM

नई दिल्‍ली:

विदेशी बाजार में आई कमजोरी से घरेलू वायदा बाजार में बीते सत्र में कच्चे तेल का दाम करीब साढ़े सात फीसदी लुढ़कर बंद हुआ और आगे और गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार में बुधवार को भी कच्चे तेल में नरमी जारी रही. विदेशी बाजार में बीते सत्र में कच्चे तेल के भाव में सात फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ब्रेंट क्रूड का जनवरी वायदा अनुबंद बुधवार को बीते सत्र के मुकाबले 0.11 फीसदी की गिरावट के साथ 65.18 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड डल्यूटीआई 0.70 फीसदी की कमजोरी के साथ 55.30 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था. अगर क्रूड ऑयल के दाम में ऐसे ही गिरावट बनी रही तो पेट्रोल और डीजल के दाम में और कमी आ सकती है.

देश के सबसे बड़े वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर मंगलवार को कच्चे तेल का नवंबर डिलीवरी वायदा 328 रुपये यानी 7.45 फीसदी लुढ़कर 4,075 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुआ, जो कि छह अप्रैल के बाद का सबसे निचला स्तर है जब कच्चे तेल का भाव 4,029 रुपये प्रति बैरल पर आ गया था.

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दिसंबर डिलवरी कच्चा तेल अनुबंध भी एमसीएक्‍स पर 326 रुपये यानी 7.36 फीसदी की भारी गिरावट के साथ 4,103 रुपये प्रति बैरल परद बंद हुआ.

कच्चे तेल का भाव आपूर्ति बढ़ने और मांग कमजोर रहने की संभावनाओं से टूटा है. अक्टूबर के बाद कच्चे तेल के दाम में करीब 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है, जोकि 2014 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है. अमेरिका में सात प्रमुख शेल बेसिन का उत्पादन दिसंबर में बढ़कर रिकॉर्ड 79.4 लाख बैरल रोजाना होने की संभावना है. अमेरिकी ऊर्जा एजेंसी ईआईए ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका का तेल उत्पादन 116 लाख बैरल रोजाना हो सकता है और इस प्रकार अमेरिका रूस और सउदी अरब के बाद कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक बन सकता है.

ऊर्जा विशेषज्ञ बताते हैं कि कच्चे तेल में आगे और नरमी रह सकती है क्योंकि अमेरिकी पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 78 लाख बैरल बढ़कर 4.32 करोड़ बैरल हो गया. उधर, सउदी अरब ने अगले साल तेल की आपूर्ति में कटौती करने की बात कही है.