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दलाल स्ट्रीट पर नहीं थमा कोहराम, तीन दिनों में सेंसेक्स 2,000 अंक टूटा - निवेशकों के 8 लाख करोड़ रुपये स्वाहा

अमेरिकी शेयर बाजार में आई तेज गिरावट ने सेंसेक्स और निफ्टी की चाल को बिगाड़ कर रख दिया, जो पहले से ही घरेलू कारणों की वजह से दबाव में थे।

Updated on: 06 Feb 2018, 06:04 PM

highlights

  • मंगलवार का दिन शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद बुरा साबित हुआ
  • सेंसेक्स 561.22 अंक की कमजोरी के साथ 34,195.94 पर बंद हुआ
  • वहीं निफ्टी 168.30 अंकों की गिरावट के साथ 10,498.25 पर बंद हुआ

नई दिल्ली:

मंगलवार का दिन शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बेहद बुरा साबित हुआ।

अमेरिकी शेयर बाजार में आई तेज गिरावट ने सेंसेक्स और निफ्टी की चाल को बिगाड़ कर रख दिया, जो पहले से ही घरेलू कारणों की वजह से दबाव में थे।

सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजार तेज गिरावट के साथ बंद हुए और इसी वजह से मंगलवार की सुबह बाजार खुलने के साथ ही सेंसेक्स 1000 से अधिक अंक नीचे लुढ़क गया।

मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी करीब तीन प्रतिशत की गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स जहां 930.08 अंकों की गिरावट के साथ 33,827.08 पर खुला वहीं निफ्टी 292.65 अंकों की गिरावट के साथ 10,373.90 पर खुला।

बाद में यह नुकसान मुनाफा वसूली की वजह से और बड़ा हो गया। नतीजा, मंगलवार को निवेशकों को कुल 2.72 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

बजट के बाद पिछले तीन सेशंस के दौरान इस तरह से निवेशकों को जहां कुल 7.72 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ वहीं सेंसेक्स में करीब 2000 से अधिक अंकों की गिरावट आई, जबकि निफ्टी पिछले तीन सेशंस के दौरान 520 अंक तक टूट चुका है।

पिछले छह ट्रेडिंग सेशंस को मिलाकर देखा जाए तो यह नुकसान 10 लाख करोड़ रुपये का बैठता है। इस दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,90,476.93 करोड़ रुपये कम होकर 1,45,22,830 करोड़ रुपये हो गया।

बाजार ने की शानदार वापसी

दोपहर बाद के कारोबार में बाजार में हालांकि शानदार वापसी करते हुए निवेशकों को थोड़ी राहत दी। दिन भर के कारोबार के दौरान जहां सेंसेक्स 1274.35 अंक टूटकर 33,482.81 के स्तर तक चला गया था, जो बाद में हुई खरीदारी की वजह से करीब 50 फीसदी नुकसान की भरपाई करने में सफल रहा।

सेंसेक्स मंगलवार को 561.22 अंक की कमजोरी के साथ 34,195.94 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 168.30 अंकों की गिरावट के साथ 10,498.25 पर बंद हुआ। निफ्टी में 45 शेयर लाल निशान में जबकि 5 शेयर हरे निशान में बंद हुए।

गिरावट या करेक्शन ?

बजट 2018 में की गई दो घोषणाओं ने बाजार की उम्मीदों को झटका दिया था। सबसे पहला वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से शेयरों से होने वाली कमाई पर 10 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिलट गेंस (एलटीसीजी) टैक्स लगाए जाने की घोषणा थी।

जबकि दूसरा कारण चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार की तरफ से राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में बढ़ोतरी किया जाना रहा। बजट में की गई दोनों ही घोषणाएं बाजार के लिए अप्रत्याशित नहीं थी, लेकिन ऐसी भी नहीं थी जिसे बाजार पचा पाता।

यही वजह रही बजट के ठीक अगले दिन यानी 2 फरवरी को निवेशकों ने जमकर मुनाफावसूली की और सेंसेक्स में जहां 839.91 अंकों की गिरावट आई वहीं निफ्टी 256.30 अंकों की गिरावट के साथ 10,760.60 पर बंद हुआ।

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बाजार में मुनाफावसूली का दौरा इसके बाद भी जारी रहा और पांच फरवरी को सेंसेक्स में 309.59 अंक की जबकि निफ्टी 100 अंकों की गिरावट के साथ 10,666.55 पर बंद हुआ।

अभी तक बाजार के लिए घरेलू कारण नेगेटिव थे लेकिन अमेरिकी बाजार में आई जबरदस्त गिरावट ने मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार की चाल को पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया।

वॉल स्ट्रीट पर मचे हाहाकार की वजह से भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट आई। अमेरिकी शेयर बाजार डाउ जोंस में ऐतिहासिक गिरावट आई और इसकी वजह से डाउ जोंस ने 2018 की पूरी बढ़त गंवा दी।

वहीं घरेलू निवेशकों के मन में आरबीआई की अगली बैठक के नतीजों को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं। निवेशकों को लगता है कि महंगाई को काबू में रखने के लिए आरबीआई ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं करेगा।

तो क्या बाजार में आई गिरावट आगे भी जारी रहेगी और ऐसा होना जरूरी थी, इसे लेकर विशेषज्ञों में मतभेद हैं।

आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में करेक्शन अनिवार्य था, क्योंकि यह अपने महंगे वैल्यूएशन के स्तर पर खड़ा था। इनका मानाना है कि अभी बाजार में करेक्शन की स्थिति पूरी नहीं हुई है।

वहीं सरकार भी यह मानकर चल रही है कि एलटीसीजी टैक्स लगाए जाने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार निवेश के लिहाज से ज्यादा आकर्षक स्थिति में हैं और जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी।

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