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उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर बोले शरद पवार, 'समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन' पर बात हुई

राजनीतिक पारे को और चढ़ाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को खुलासा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हाल ही में उनसे मिले थे।

Updated on: 07 Nov 2017, 10:53 PM

highlights

  • उद्धव ठाकरे से मिले शरद पवार, 'समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन' की जरूरत पर चर्चा की
  • हाल ही में ममता बनर्जी ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, शिवसेना बीजेपी का महाराष्ट्र और केंद्र में है गठबंधन
  • शिवसेना नोटबंदी-जीएसटी समेत कई मुद्दों पर सरकार को दिखा चुकी है आइना

नई दिल्ली:

राजनीतिक पारे को और चढ़ाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को खुलासा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हाल ही में उनसे मिले थे और दोनों ने देश में 'समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन' की जरूरत पर चर्चा की थी।

करजात के एक लक्जरी रिजॉर्ट में एनसीपी के दो दिवसीय चिंतन शिविर के इतर पवार ने संवाददाताओं को बताया, 'उद्धव और (शिवसेना नेता) संजय राउत 10 दिन पहले मेरे आवास पर मुझसे मिले थे।'

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नीतियों का विरोध करने वाले दलों को इंगित करते हुए पवार ने कहा, 'हमने देश में सभी समान विचारधारा वाले दलों के गठबंधन की जरूरत पर भी चर्चा की।'

एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ अपने गठबंधन को लेकर खुश नहीं है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में बनी रहेगी या नहीं।

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इस बात का खुलासा एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल के बयान के एक दिन बाद हुआ है। दरअसल पटेल ने 'चिंतन शिविर' में कहा था कि पवार 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री की दौड़ में हो सकते हैं।

हालांकि अपनी विशिष्ट शैली में पार्टी अध्यक्ष ने नेताओं से कहा कि 'उन्हें प्रधानमंत्री बनाने का विचार अपने दिमाग से हटा दें' और इसके बजाए एनसीपी के विस्तार के लिए कड़ी मेहनत करें।

हाल ही में ममता से मिले थे उद्धव

हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। जिसके बाद शिवसेना ने ममता को पश्चिम बंगाल में वामदलों को सत्ता से बेदखल करने के लिए 'शेरनी' बताया।

आपको बता दें कि केंद्र और महाराष्ट्र में शिवसेना बीजेपी की सहयोगी है। ऐसे में विपक्षी दलों से पार्टी सुप्रीमो की मुलाकात बीजेपी को असहज कर सकती है। शिवसेना नोटबंदी, जीएसटी, मुंबई एलिफिंस्टन, राम मंदिर हादसा को लेकर सरकार पर प्रश्नचिह्न लगाती रही है। हाल ही में पार्टी नेता संजय राउत ने राहुल गांधी को देश का नेतृत्व करने के लिए सक्षम बताया था।

मंगलवार को शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे ने एक ब्लॉग में बीजेपी की कड़ी आलोचना की। ब्लॉग में आदित्य ने नोटबंदी के पीछे के इरादे को 'संदिग्ध' करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला देश और लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।

पिछले दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अब शिवसेना का 'दोहरा रुख' छिप नहीं पाएगा, और उद्धव ठाकरे को तय कर लेना चाहिए कि वह BJP के साथ गठबंधन जारी रखना चाहते हैं या नहीं?

आपको बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में किसी भी एक दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। पूर्ण बहुमत की सरकार के लिए महाराष्ट्र में 145 सीटों की जरूरत होती है।

बीजेपी के पास 122 सीटें और शिवसेना के पास 63 सीटें हैं। वहीं कांग्रेस के पास 42 तो एनसीपी के पास 41 सीटें हैं।

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(इनपुट IANS से भी)