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महाराष्ट्र पुलिस को जल्द ही मिलेगा 'बीफ डिटेक्शन किट'

अवैध बीफ ट्रांसपोर्टेशन और इसकी चेकिंग के दौरान होने वाली यातायात में असुविधा को रोकने के लिए महाराष्ट्र फॉरेनसिक टीम बहुत जल्द ही 'मीट डिटेक्शन किट' लॉन्च करने वाली है।

Updated on: 09 Jul 2017, 08:43 AM

highlights

  • महाराष्ट्र फॉरेनसिक टीम बहुत जल्द ही 'बीफ डिटेक्शन किट' लॉन्च करने वाली है
  • किट से पुलिस सिर्फ आधे घंटे में ये पता लगा सकती है कि मीट किस जानवर का है

नई दिल्ली:

अवैध बीफ ट्रांसपोर्टेशन और इसकी चेकिंग के दौरान होने वाली यातायात में असुविधा को रोकने के लिए महाराष्ट्र फॉरेनसिक टीम बहुत जल्द ही 'मीट डिटेक्शन किट' लॉन्च करने वाली है। इस किट से पुलिस सिर्फ आधे घंटे में ये पता लगा सकती है कि मीट कौन से जानवर का है।

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'एक किट के ज़रिए 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और फिलहाल 45 फॉरेंसिक गाड़ियों में ही किट की सुविधा दी जाएगी।'

अधिकारी ने बताया, 'अगर चेकिंग के दौरान पाया गया कि ढ़ुलाई की जा रही मीट गाय की है तो फिर इसे आगे की जांच के लिए फॉरेंसिंक एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा। और डीएनए जांच कर यह तय होगा की मीट गाय की है या नहीं।'

फॉरेसिंक लेबोरेट्री डायरेक्टर डाक्टर कृष्णन कुलकर्णी बोले, 'हमलोग एक किट लॉन्च कर रहे हैं जिससे मौके पर ही पता लगाया जा सकता है कि मीट कौन से जानवर का है। बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर सैंम्पल को डीएनए जांच के लिए आगे भेज दिया जाएगा।'

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उन्होंने कहा कि इससे पुलिस को मीट ढोने रही गाड़ियों को सीज़ करने की ज़रूरत नहीं होगी। फिलहाल ये किट मुंबई पुणे और नागपुर में ही उपलब्ध करवाया गया है। लेकिन आगे चलकर इसे बढ़ाते हुए नासिक और औरंगाबाद में भी भेजा जाएगा।

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पिछले दो साल से ही अपने राज्य में महाराष्ट्र एनिमल प्रिवेंशन क़ानून 1976 के तहत गाय, सांड और बैल के मीट व्यापार पर पूर्णत: रोक लगा दी है।

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