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भीमा कोरेगांव हिंसा मामला: ऐक्टिविस्ट वरवरा राव को 26 नवंबर तक की पुलिस हिरासत में भेजा गया

माओवादियों से संपर्क रखने के आरोपी तेलुगु कवि वरवरा राव को पुणे पुलिस ने एलगार परिषद सम्मेलन के मामले में हैदराबाद से शनिवार को हिरासत में ले लिया.

Updated on: 18 Nov 2018, 05:23 PM

पुणे(महाराष्ट्र):

माओवादियों से संपर्क रखने के आरोपी तेलुगु कवि वरवरा राव को पुणे की एक अदालत ने 26 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. राव की नजरबंदी शनिवार को खत्म होने के बाद पुणे पुलिस ने हैदराबाद स्थित उनके घर से हिरासत में लिया था. पुणे पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ने शनिवार को बताया था, 'हैदराबाद हाई कोर्ट द्वारा वरवरा राव की बढ़ाई गई नजरबंदी खत्म हो गई और उनकी एक और याचिका कोर्ट के द्वारा खत्म कर दी गई. जिसके बाद पुणे पुलिस के द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया और पुणे कोर्ट में पेश किया जाएगा.'

बता दें कि 26 अक्टूबर को पुणे पुलिस ने सहआरोपी अरुण टी फरेरा और वर्नन गोंजाल्विस को हिरासत में लिया था, वहीं सुधा भारद्वाज को अगले दिन पुलिस हिरासत में लिया गया था.

भीमा-कोरेगांव दंगा की जांच के सिलसिले में पुणे पुलिस ने छापेमारी करके सुधा भारद्वाज, वर्नन एस गोंजाल्विस, अरुण टी फरेरा, गौतम नवलखा (अब मुक्त) और पी. वरवर राव को गिरफ्तार किया था. इन सब पर नक्सलियों से संबंध के आरोप लगाए गए थे.

इससे पहले जून में पुणे पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना विल्सन, सुधीर धावले, शोमा सेन, सुरेंद्र गडलिंग, महेश राउत और राणा जैकब को भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया था.