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करोड़पति नामदारों ने खेती के नाम पर बैंकों से लिया कर्ज, सालों बाद भी नहीं चुकाया.. फर्जीवाड़े की आ रही बू

जय किसान फसल ऋण माफी योजना में गरीब किसान का ऋण माफ हो न हो, लेकिन इन करोड़पति किसानों की हकीकत जनता और सरकार के सामने आ गयी है.

Updated on: 25 Jan 2019, 01:22 PM

शहडोल:

शहडोल शहर के नामी करोड़पति, व्यवसायी, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील के परिजन ने खेती के नाम पर बैंकों से ऋण लेकर वर्षों से नहीं चुकाया है. इन करोड़पति लोगों के नामों का खुलासा तब हुआ जब मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना में बैंक ने बकायदारों की सूची निकाली. बैंकों द्वारा जारी किए गए लोगों की लिस्ट में इन रईसों के नाम भी उजागर हो गए.

बैंक ने सूची में 31 मार्च 2018 तक के बकाया ऋण राशि भी दर्शाई है. सूची में शहर के बड़े-बड़े करोड़पतियों, व्यवसायी, सरकारी अधिकारियों के परिजन, पत्नी, बेटों के नाम भी शामिल हैं. अब यहां बड़ा सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इन लोगों की आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि इन्होंने फसल ऋण लेकर अब तक नहीं चुकाया?
इसके साथ ही सभी मामलों में बैंकों की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. गरीब किसान की ऋण वसूली के लिए खेत जमीन की कुर्की करने वाले बैंक के अधिकारी इनके ऋण की वसूली क्यों नही कर पाए?

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बहरहाल, जय किसान फसल ऋण माफी योजना में गरीब किसान का ऋण माफ हो न हो, लेकिन इन करोड़पति किसानों की हकीकत जनता और सरकार के सामने आ गयी है. जय किसान फसल ऋण माफी की बात करें तो इसमें शहडोल के राजा मृगेंद्र सिंह का नाम तो है ही, इसके अलावा उनके पुत्र यशवर्धन सिंह व उनकी पत्नी का भी नाम ऋण माफी में सम्मिलित है. इतना ही नहीं शंभू नाथ कॉलेज के कुलपति डॉ. मुकेश तिवारी, भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष शैल अवस्थी, गिरधर प्रताप सिंह भी शामिल हैं.

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वकीलों की बात करें तो वरिष्ठ वकील इंद्रजीत मिश्रा, विनोद त्रिपाठी हैं. इसी क्रम में इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद पांडे और एसडीओ जी.के. पांडे व पी.डब्लू.डी. के एस.डी.ओ. करण सिंह का भी नाम शामिल है. उद्योगपतियों की बात करें तो प्रवीण सिंह पिता नागेंद्र नाथ सिंह शराब और होटल कारोबारी हैं, वे भी इसमें शामिल हैं. जय किसान फसल ऋण माफी योजना लिस्ट में चारों तरफ फर्जीवाड़ा नजर आ रहा है.