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सतना रेप केसः फांसी की उम्रकैद में बदली, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

सतना रेप केसः फांसी की उम्र कैद में बदली, सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

Updated on: 12 Mar 2019, 11:48 AM

नई दिल्‍ली:

मध्‍य प्रदेश के सतना में पांच साल की बच्‍ची से रेप और उसकी हत्‍या के दोषी सचिन की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उम्रक़ैद की सज़ा सुनाते गए कहा कि सचिन 25 साल तक जेल में ही रहेगा. 25 साल से पहले उसे रिहा नहीं किया जाएगा. बता दें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 2016 सचिन को फांसी की सज़ा सुनाई थी.   सचिन ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि हाईकोर्ट द्वारा फांसी की सजा की पुष्टि के फैसले को चुनौती देने के लिए उसे कानूनन मिलने वाला 90 दिन का समय नहीं दिया गया था और फांसी देने को 30 मार्च के लिए उसका डेथ वारंट जारी कर दिया गया था.

यह था पूरा मामला
पांच वर्षीय छात्रा सतना के एक गांव की निवासी थी. 23 फरवरी, 2015 को बच्‍ची का भाई उसे स्कूल पहुंचाने जा रहा था, तभी रास्ते में गांव के ही मैजिक चालक सचिन सिंगरहा से उसकी मुलाकात हो गई. लिहाजा भाई ने सचिन के वाहन में अपनी बहन को बिठाया और उसे स्कूल पहुंचाने के लिए कहकर घर लौट गया, लेकिन बच्ची देर शाम तक घर नहीं लौटी, जिसकी शिकायत मैहर थाने में दर्ज कराई गई.

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पुलिस के अनुसार, पूछताछ के दौरान आरोपी मैजिक चालक ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में वह टूट गया और पूरी घटना का खुलासा कर दिया. आरोपी ने पुलिस को बताया था कि उसके वाहन में बच्ची अकेली थी, जिसे देखकर उसकी हवस जाग गई और उसने सुनसान इलाके में ले जाकर पहले बच्ची के साथ रेप किया, और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, तथा शव को नहर के किनारे एक कुएं में फेंक दिया, जहां से बाद में पुलिस ने शव को बरामद किया.

मामले में निचली अदालत ने सचिन को फांसी की सजा सुनाई थी, और हाईकोर्ट ने भी पांच-वर्षीय बच्‍ची से रेप व हत्‍या के अपराध को दुर्लभतम श्रेणी का मानते हुए सचिन की फांसी की सजा को बरकरार रखा था. लेकिन इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने से पहले ही सचिन को फांसी देने के लिए 30 मार्च की तारीख का डेथ वारंट जारी कर दिया गया.