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साध्‍वी प्रज्ञा बोलीं- कानून के दायरे में राम मंदिर का आना दुर्भाग्यपूर्ण

मालेगांव कांड से चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा हैं कि रामभक्त ही राष्ट्रभक्त, कानून के दायरे में राम मंदिर का आना दुर्भाग्य पूर्ण. सागर में उन्‍होंने कहा कि चुनाव आते ही रामविरोधियों को धोती,टीका और मंदिर की याद आने लगी.

Updated on: 25 Oct 2018, 01:07 PM

सागर:

मालेगांव कांड से चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा हैं कि रामभक्त ही राष्ट्रभक्त, कानून के दायरे में राम मंदिर का आना दुर्भाग्य पूर्ण है. सागर में उन्‍होंने कहा कि चुनाव आते ही राम विरोधियों को धोती, टीका और मंदिर की याद आने लगा. मालेगांव कांड से चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ने साफ कहा कि हम राम मंदिर बनाने वालों के साथ हैं . राम भक्त ही राष्ट्रभक्त है राम द्रोही, राष्ट्र द्रोही है . कानून के दायरे में राम मंदिर आना दुर्भाग्य पूर्ण है .

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कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी के मंदिरों में जाने पर कटाक्ष करते हुए प्रज्ञा ने कहा कि जिन दलो ने 60 साल राज किया उनको मंदिर याद आने लगे .धोती पहनने लगे और टीका लगाने लगे . केंद्र में राष्ट्रभक्तों की सरकार है. वे राम को पूजते तो है . उन्होंने कहा कि जब देश मे अराजकता और अव्यवस्था फैलती है तो ऐसे में साधु संतों को राजनीति में आना चाहिए .

क्‍या था मालेगांव मामला

बता दें महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए धमाके में आरोपी साध्वी प्रज्ञा और उनके छह सहयोगियों को अप्रैल 2017 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. उस वक्त कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. साध्वी एक महिला हैं और 8 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. बता दें 29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में बम ब्लास्ट हुआ था. इसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी, करीब 100 लोग जख्मी हुए थे.  

मंदिर बनवाने के लिए संघ प्रमुख ने कही थी ये बात

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वार्षिक विजयादशमी उत्सव (RSS VijayaDashami) के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि आरएसएस मंदिर बनवाने को लेकर प्रतिबद्ध है. भागवत ने सरकार से कानून बनाकर इस जल्दी से जल्दी बनवाने की मांग की है. उन्होंने कहा अब इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. भागवत ने कहा था, 'इस मामले में राजनीति आ गई इसलिए मामला लंबा हो गया. रामजन्मभूमि पर शीघ्रतापूर्वक राम मंदिर बनना चाहिए. इस प्रकरण को लंबा करने के लिए हुई राजनीति हुई को खत्म होना चाहिए.' संघ प्रमुख ने यह भी कहा था कि बाबर ने राम मंदिर को तोड़ा और अब अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए न्यायालय के निर्णय का इंतजार करना पड़ रहा है.