मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री का फरमान, हाजिरी के समय 'यस सर' और 'यस मैडम' की बजाय बच्चे बोलें जय हिंद
विजय शाह ने सतना के सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि एक अक्टूबर से हाजिरी के समय बच्चे यस मैडम या यस सर की बजाय 'जय हिंद' बोलें।
highlights
- विजय शाह के मुताबिक यह देशभक्ति से जुड़े है इसलिए प्राइवेट स्कूल भी इसे अपनाएं
- शिवराज सिंह चौहान से करेंगे बात, प्रयोग सफल रहा तो पूरे राज्य में हो सकता है लागू
नई दिल्ली:
अब अगर मध्य प्रदेश के स्कूलों में आप बच्चों को हाजिरी के समय 'यस सर' और 'यस मैडम' की जगह 'जय हिंद' कहते सुनें तो चौकिएगा नहीं।
मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय शाह कुछ ऐसी ही तैयारी में लगे हैं। विजय शाह ने कहा है कि सतना के सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि एक अक्टूबर से हाजिरी के समय बच्चे यस मैडम या यस सर की बजाय 'जय हिंद' बोलें।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है। विजय शाह ने कहा, 'हम इस बारे में मुख्यमंत्री से बात करेंगे। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो हमारी कोशिश इसे पूरे राज्य में लागू करने की होगी।'
हालांकि विजय शाह ने कहा अभी यह केवल उनका सुझाव भर है। अभी तक विपक्षी पार्टी कांग्रेस की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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Schools in Satna directed to ensure students answer roll call with 'Jai Hind' instead of 'Yes Sir/Madam' from Oct 1:V Shah,MP School Edu Min pic.twitter.com/raFS25sGVp
— ANI (@ANI) September 13, 2017
For now, this is just a suggestion (for private schools in Satna); we hope they'll adhere to it since it relates to patriotism: Vijay Shah
— ANI (@ANI) September 13, 2017
विजय शाह के मुताबिक, 'अभी यह केवल सुझाव है (सतना के निजी स्कूलों के लिए)। हमें उम्मीद है कि वह इससे सहमति जताएंगे क्योंकि यह देशभक्ति से जुड़ा हुआ है।'
उन्होंने कहा कि नौजवान पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति का जज्बा बढ़े, इसके लिए सभी शासकीय स्कूलों में प्रारंभ में ही प्रतिदिन ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान गाने के निर्देश दिए गए हैं।
पिछले दिनों स्कूल शिक्षा मंत्री शाह ने सरकारी स्कूलों के नाम कंपनियों के नाम करने का सागर में आयोजित एक समारोह में ऐलान किया था।
उन्होंने कहा था कि जो कंपनी ज्यादा पैसे देगी, उसके नाम पर स्कूल का नाम एक साल के लिए हो जाएगा। अगले साल जो कंपनी ज्यादा रकम देगी, उसके नाम पर स्कूल का नामकरण होगा। इससे सरकार के पैसों की बचत होगी और कंपनी का प्रचार भी हो जाएगा। मंत्री का दावा है कि इससे राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सहमत हैं।
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