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एमपी: सिंगरौली के कलेक्टर ने रोकी अपनी सैलरी, इस वजह से उठाया ये बड़ा कदम

कलेक्टर अनुराग चौधरी ने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देश दिया है कि जब तक प्रशिक्षु पटवारियों को वेतन जारी नहीं होता तब तक उनका भी वेतन भुगतान रोक दिया जाए.

Updated on: 15 Jan 2019, 05:05 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश के सिंगरौली में कलेक्टर ने एक अनोखी पहल करते हुए सराहनीय कदम उठाया है. यहां के कलेक्टर ने कलेक्टर टीएल की बैठक में कहा है कि जब तक प्रशिक्षु पटवारियों का वेतन नहीं मिलता है तब तक मेरा वेतन भी रुका रहेगा. दरअसल कई महिनों से जिलें में प्रशिक्षु पटवारी बिना वेतन के काम कर रहे है. इस बात को लेकर सोमवार को कलेक्टर अनुराग चौधरी ने टीएल बैठक में कड़ी नाराजगी जाहिर की और राजस्व अधिकारियों को इसके लिए फटकार भी लगाई. कलेक्टर अनुराग चौधरी ने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देश दिया है कि जब तक प्रशिक्षु पटवारियों को वेतन जारी नहीं होता तब तक उनका भी वेतन भुगतान रोक दिया जाए.

उन्होंने कहा है कि बड़े दुख की बात है कि बड़े अधिकारियों को भुगतान समय पर हो जाता है. वहीं इन्हीं अधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय पर नहीं होता है. प्रशिक्षु पटवारियों के सामने आए इस तरह के केस को लेकर उन्होंने बाकी अन्य विभागों से भी समय पर वेतन भुगतान को लेकर बरती जा रही लापरवाही पर आपत्ति जताई.

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कलेक्टर चौधरी ने कहा कि कि यह मेरी नैतिक जवाबदारी है यह पटवारी हमारे अंडर में काम करते हैं और हम इन के अधिकारी हैं. इनका हर तरह से ख्याल रखना भी मेरी जवाबदारी बनती है. इसलिए जब तक इनका वेतन नहीं आएगा तब तक मैं खुद एडीएम एसडीएम और तहसीलदार किसी की भी वेतन नहीं दी जाएगी.

प्रशिक्षु पटवारी मृत्युंजय कुमार मौर्या ने कहा कि 6महीने बीत जाने के बाद हमारे वेतन के लिए जिलाधिकारी महोदय ने जो प्रयास किया हम उनके आभारी हैं. खेद भी जताया गया की जिलाधिकारी महोदय द्वारा पहले अगर कार्रवाई की जाती तो हमें परेशानी का सामना न करना पड़ता क्योंकि आए दिन हम इधर उधर जाते हैं. हमारे पास पैसे नहीं होने घर से पैसे हैं। हमारे घर के गार्जियन कहते हैं कि आप नौकरी कर रहे हो तो फिर अवकाश पैसे क्यों नहीं.