मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्विट्जरलैंड दौरे पर सरकार ने खर्च किए 1.58 करोड़ रुपये, RTI में हुआ खुलासा
आरटीआई दस्तावेजों में यह बात भी कही गई है कि अगर यह यात्रा नहीं की जाती तो मध्य प्रदेश में निवेश के अवसर को राज्य सरकार खो देती.
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के स्विटजरलैंड दौरे पर मध्य प्रदेश सरकार ने डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं. सूचना के अधिकार (RTI) से इसका खुलासा हुआ है. RTI दस्तावेजों के मुताबिक, मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके तीन शीर्ष अधिकारियों के स्विट्जरलैंड में ठहरने की व्यवस्था पर करीब 1.58 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
इन दस्तावेजों के मुताबिक, यह खर्चा मुख्यमंत्री कमलनाथ के अलावा मुख्य सचिव एसआर मोहंती, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल और राज्य सरकार के औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान पर किया गया है, जोकि स्विट्जरलैंड के दावोस में जनवरी, 2019 में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की बैठक में हिस्सा लेने गए थे.
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने दावोस में एक्जिक्यूटिव बिजनेस लाउंज में भाग लिया था. इस दौरे का उद्देश्य भारत में मध्यप्रदेश को संभावित निवेश गंतव्यों के रूप में स्थापित करना था. जिसके लिए टीम ने वहां संभावित निवेशकों, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं आदि के साथ बातचीत की. आरटीआई दस्तावेजों में यह बात भी कही गई है कि अगर यह यात्रा नहीं की जाती तो मध्यप्रदेश में निवेश के अवसर को राज्य सरकार खो देती.
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अजय दुबे ने यह आरटीआई आवेदन दाखिल किया था. इसके जवाब में सरकार ने कहा कि इस दौरे पर लगभग 1.58 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए आवश्यक अनुमोदन दिया गया था.
इसके अलावा यह स्पष्ट किया गया कि इस प्रतिनिधिमंडल में सीआईआई (कंफेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री) मध्यप्रदेश का प्रतिनिधि भी शामिल थे. इसके लिए राज्य सरकार ने 1 करोड़ 57 लाख 85 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी दी थी. इसमें उनके फ्लाइट के टिकट और रहने के खर्च शामिल थे.
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आरटीआई में इन खर्चों के बारे में विस्तार से बताया गया कि दावोस के लिए फ्लाइट टिकट और वीजा खर्च के लिए 30 लाख रुपये, होटल के लिए 45 लाख रुपये (ठहरने और बैठक कक्ष), स्थानीय प्रवास पर 9.5 लाख रुपये, ज्यूरिख हवाई अड्डे पर वीआईपी लाउंज एक्सेस के लिए 2 लाख रुपये, यात्रा बीमा पर 50,000 रुपये और डीआईपीपी लाउंज भागीदारी शुल्क और प्रचार सामग्री पर 40 लाख रुपए का भुगतान किया गया था.
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