शिवराज सिंह चौहान पर जमकर बरसे CM कमलनाथ, लगा दिए इतने आरोप.. गिनना हो गया मुश्किल
शिवराज जी की मनोदशा हम समझ रहे हैं. सत्ता से हटने के गम से वे अभी तक उबर नहीं पा रहे हैं.
भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर जमकर हमला बोला. उन्होंने शिवराज पर निशाना साधते हुए पूर्ववर्ती सरकार की खामियों की झड़ी लगा दी. कमलनाथ ने कहा, ''शिवराज जी की मनोदशा हम समझ रहे हैं. सत्ता से हटने के गम से वे अभी तक उबर नहीं पा रहे हैं. इसलिए अजीबो-गरीब सवाल पूछ रहे हैं. जिस शिवराज जी को लोग घोषणा वीर कहते हैं. जिनके कार्यकाल में उनके द्वारा की गई हज़ारों घोषणाएं ऐसी हैं, जो आज वर्षों बाद भी अधूरी पड़ी हैं. वे हमारी 22 दिन की सरकार को हमारी घोषणा याद दिला रहे हैं.
अभी उन्हें विपक्ष में बैठे मात्र 22 दिन ही हुए हैं. अभी तो उन्हें वर्षों आराम करना है. उनकी हड़बड़ाहट व बेचैनी समझी जा सकती है. वे चिंता न करें, हमारी सरकार हर वादा पूरा करेगी.''
मध्य प्रदेश के सीएम ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ''किसान हमारे साथ खड़ा है. हम पर उसे पूरा विश्वास है. किसान को पता है कि जो हमने कहा है, वो पूरा ज़रूर करेंगे. जिस शिवराज ने अपने 13 वर्षीय कार्यकाल में किसानों का एक ढेला का क़र्ज़ भी माफ़ नहीं किया. निरंतर किसानों की क़र्ज़माफ़ी का उन्होंने व उनके मंत्रियों ने मज़ाक उड़ाया. कर्ज़माफी से वे मुकरते रहे. वे आज किस मुंह से कर्ज़माफी पर सवाल पूछ रहे है? उन्हें क़र्ज़माफ़ी पर तो बात करने तक का भी हक नहीं है.''
शिवराज के बयानों पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा, ''खुद कह रहे हैं कि राहुल जी ने घोषणा की थी कि सरकार बनते ही 10 दिन में किसानों की कर्ज़माफी की घोषणा कर देंगे.
हमने तो सरकार बनते ही 1 घंटे के अंदर कर्ज़माफी के आदेश जारी कर दिये, फिर केसी वादाखिलाफी? वे कह रहे हैं कि कर्ज़माफी पर कोई अर्ज़ी, आवेदन मत लो. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि यूपी, महाराष्ट्र में भी कर्ज़माफी की घोषणा हुई है. वहां भी किसानों से आवेदन लिए गए. कब किसानों के खाते में राशि आई, यह उनसे भी पूछ लें शिवराज.''
कमलनाथ ने शिवराज की कार्यशैली पर तंज कसा, उन्होंने कहा ''हर चीज़ की एक प्रक्रिया होती है. उसका पालन करना पड़ता है. शिवराज जी अभी बड़ी हड़बड़ी में हैं. हम कर्ज़माफी के फैसले को अमल में लाना चाहते हैं. यह शिवराज जी की सरकार नहीं है. जिसमें हड़बड़ी वाली सिर्फ घोषणाएं ही की जाती थीं. अमल नहीं. यह सही है कि शिवराज की सरकार सिर्फ घोषणा रूपी कोरी मुंह जबानी पर ही चलती थी. इसलिए कागज़ी प्रक्रिया नहीं होती थी. लेकिन हम पूरी प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं. आश्चर्य इस बात का हो रहा है कि जो शिवराज जी खज़ाने को पूरी तरह से खाली कर गए. प्रदेश को एक बड़े कर्ज़ के दलदल में धकेल गए. वो आज बजट राशि पर सवाल उठा रहे है.''
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