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मध्‍य प्रदेश के CM पद की रेस हारने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को राहुल गांधी ने बनाया UP West का प्रभारी

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद बाजी कमलनाथ के हाथ रही और वे मुख्यमंत्री बनाए गए. इसके बाद लोग कहने लगे कि युवाओं की बार बार बात करने वाली कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया

Updated on: 23 Jan 2019, 04:32 PM

नई दिल्‍ली:

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के बाद बाजी कमलनाथ के हाथ रही और वे मुख्यमंत्री बनाए गए. इसके बाद लोग कहने लगे कि युवाओं की बार बार बात करने वाली कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया. खुद सिंधिया भी हर उस सवाल का जवाब इस बात देते रहे कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाना ही उनका अंतिम मकसद था और वो पूरा हुआ.

लेकिन एक कहावत है कि राजनीति में हर वक्त हासिल करना ही सबकुछ नहीं होता. कभी-कभी आप कुछ दूसरों के लिए अपनी जगह छोड़कर आगे की राह आसान कर लेते हैं. हुआ वही. उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हारकर खुद को बड़ा साबित कर दिया.

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राहुल गांधी के सबसे विश्वासपात्र ज्योतिरादित्य सिंधिया को उस राज्य की जिम्मेदारी दे दी गई है जहां से होकर देश के सत्ता का गलियार जाता है. 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश के पश्चिमी छोर पर बैठकर ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी को मजबूत करेंगे. उन्हें पश्चिमी यूपी का प्रभार दिया गया है.

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सिंधिया के सामने बड़ी चुनौती होगी कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की नैया कैसे पार होगी. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती एक तरफ मोदी-योगी-शाह की तिकड़ी है तो दूसरी तरफ SP-BSP-RLD का मजबूत गठबंधन. यूपी में महज 7 फीसद वोट पाने वाली कांग्रेस का जनाधार बढ़ाने के लिए प्रियंका गांधी के साथ-साथ सिंधिया को भी पसीना बहाना पड़ेगा.