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ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में ही 4 बार बत्ती गुल, कैमरे की लाइट से चलाना पड़ा काम

मध्य प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से जनता बेहद परेशान है. भीषण गर्मी में लगातार हो रही बिजली कटौती ने हाल-बेहाल है.

Updated on: 24 Jun 2019, 09:19 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से जनता बेहद परेशान है. भीषण गर्मी में लगातार हो रही बिजली कटौती ने हाल-बेहाल है. खुद प्रदेश के बिजली मंत्री को इस समस्या से दो-चार होना पड़ा है. मध्य प्रदेश में बिजली की समस्या जानने के लिए इंदौर पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के कार्यक्रम में ही चार बार बिजली गुल हो गई. रविवार को उन्होंने पहले बिजली अधिकारी व कर्मचारियों के एसोसिएशन कार्यक्रम में शिरकत की. इसके बाद वे बिजली इंजीनियर और कांट्रैक्टरों के कार्यक्रम में शामिल हुए.

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शहर के एक होटल में आयोजित इस एक घंटे के कार्यक्रम में चार बार बिजली चली गई. कैमरे की लाइट में ही मंत्री जी को कॉन्ट्रेक्टर और इंजीनियर्स से बात करनी पड़ी. होटल में जनरेटर की सही व्यवस्था न होने से बिजली अधिकारी होटल प्रबंधन पर ही भड़कने लगे.

ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में चार बार बत्ती गुल होने से उन पर ही सवाल खड़े हो रहे थे. कार्यक्रम के बाद मीडिया ने जब मंत्री जी से, उनके ही कार्यक्रम में बिजली गुल होने का सवाल पूछा तो मंत्री जी का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया. मीडिया पर भड़ास निकालते हुए मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि लाइट जाना आना एक प्रोसेस है ये कोई अघोषित कटौती नहीं है, पेड़ गिरने से लाइट गई है.

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी अघोषित बिजली कटौती ने कमलनाथ सरकार की नींद उड़ा रखी है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो-तीन घंटे तक अघोषित बिजली कटौती हो रही है. इसे लेकर भाजपा ने सरकार की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए. भाजपा के तमाम नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि बिजली बिल आधा करने का वादा करके आई कमलनाथ सरकार ने बिजली की आपूर्ति ही आधी कर दी है. वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि भाजपा शासन काल में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अधिक बिजली काटी जाती थी.

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