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4 महीने से मौत से जंग लड़ रही थी मासूम, तभी भगवान के रूप में आए डॉक्टर ने बचा ली जान

4 साल की बच्ची हर्षिता विश्नोई ने 4 महीने पहले टूथपेस्ट का ढक्कन निगल लिया था.

Updated on: 20 Jun 2019, 07:26 AM

नई दिल्ली:

कहते हैं कि धरती पर भगवान के रूप में डॉक्टर ही है. यह कहावत उस समय तब सटीक बैठती है, जब एक जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बच्ची को डॉक्टर मौत के मुंह से बचा लाए. यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के इंदौर का है.

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दरअसल, 4 साल की बच्ची हर्षिता विश्नोई ने 4 महीने पहले टूथपेस्ट का ढक्कन निगल लिया था. इसे डॉक्टरों को भी बताया गया, लेकिन डॉक्टरों को ढक्कन नहीं मिल रहा था. कुछ समय बाद हर्षिता की हालत और बिगड़ने लगी. परिजन उसे भोपाल के अस्पताल ले गए, लेकिन वहां से भी हर्षिता की हालत में सुधार नहीं आया. उसकी स्थिति और बिगड़ने पर परिजन हरदा से इंदौर लेकर पहुंचे.

चुकी बंगाल में हुए घटनाक्रम के बाद से इंदौर सहित पूरे प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल पर है. उसी तारतम्य में यहां के डॉक्टरों ने भी इलाज करने से मना कर दिया. उसी बीच भगवान के रूप में इंदौर के डॉक्टर गुणवंत यशला ने इस बच्ची की स्थिति को देखते हुए हड़ताल को नजरअंदाज कर इलाज शुरू किया.

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इलाज के दौरान यह पाया गया की बच्ची के नाक में टूथपेस्ट का ढक्कन फंसा हुआ है. जिसे दूरबीन के जरिये पहले गले तक लाया गया फिर गले के रास्ते इसे बाहर निकाला गया. फिलहाल ऑपरेशन के बाद से हर्षिता की स्थिति सामान्य है. वहीं परिजनों ने जिस तरह से डॉक्टर गुणवंत ने इलाज किया, उसके लिए परिजनों ने डॉक्टर का धन्यवाद दिया है.

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