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दिग्‍विजय सिंह बोले, 'मैं बोलता हूं तो कांग्रेस के वोट कट जाते हैं'

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह एक बार विवादों में घिर गए हैं. अकसर उनके बयानों पर विवाद हो जाता है और इस बार एक वीडियो के चलते विवाद हो रहा है. इस वीडियो में दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से कह रहें है कि जो चुनाव लड़े उसे जिताओ फिर चाहे दुश्मन हीं क्यूं ना हो.

Updated on: 16 Oct 2018, 01:20 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह एक बार विवादों में घिर गए हैं. अकसर उनके बयानों पर विवाद हो जाता है और इस बार एक वीडियो के चलते विवाद हो रहा है. इस वीडियो में दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं से कह रहें है कि जो चुनाव लड़े उसे जिताओ फिर चाहे दुश्मन ही क्यों ना हो. 

वहीं, दिग्विजय सिंह ये भी कहते नज़र आ रहें है कि मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कटते हैं इसलिए मैं भाषण नहीं देता. वीडिओ में कार्यकारी अध्यक्ष जितु पटवारी भी मौजूद थे. जितु पटवारी के बंगले पर शनिवार को दिग्विजय सिंह मिलने पहुंचे थे.

दिग्‍विजय सिंह के बयान के बारे में कांग्रेस के मध्य प्रदेश इकाई के अध्‍यक्ष कमलनाथ ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि उन्‍होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया है.’

इस मामले में मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने कहा, ‘कम से कम कांग्रेस के लोग अपने नेता की इज्‍जत करें, मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस अपने नेता की यह दुर्दशा करेगी.’

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आता जा रहा है बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटरों को लुभाने की कोशिशें बढ़ती जा रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोगों से वादा करते हुए कहा कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सत्ता बनी तो राज्य में 'रामपथ' और 'नर्मदा परिक्रमा पथ' का निर्माण कराया जाएगा.

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि बीजेपी ने रामपथ बनाने का वादा किया था, वह नहीं बना पाई, लेकिन हम लोग इसे बनायेंगे. ऐसा हम लोग सोच रहे हैं.

उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा के वक्त उन्होंने महसूस किया कि नर्मदा की परिक्रमा के लिए पथ बनाया जाना चाहिये, ताकि लोगों को सुविधा हो. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस भी बीजेपी की धार्मिक राह पर चल पड़ी है, उन्होंने कहा कि बीजेपी की राह धार्मिक नहीं है. निर्मोही अखाड़े के महंत के मुताबिक 1400 करोड़ रुपये विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) वाले खा गये.