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मप्र में एक और बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 16 IAS अफसरों के तबादले

वर्तमान कांग्रेस विधायक व कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना अपनी सीट छोड़ सकते हैं.

Updated on: 26 Dec 2018, 01:24 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन के बाद मंगलवार की देर रात एक और बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। कुल 16 भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले हुए हैं। इस बदलाव में जिलाधिकारी को एक जिले से दूसरे जिले में भेजने की बजाय अन्य विभागों में पदस्थ किया गया है। राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इंदौर के जिलाधिकारी निशांत बरवड़े, उमरिया के जिलाधिकारी मालसिंह भवडिया, नीमच जिलाधिकारी राकेश कुमार श्रीवास्तव, मंडला कलेक्टर अनय द्विवेदी, जिलाधिकारी राजगढ़ कर्मवीर शर्मा, जिलाधिकारी टीकमगढ़ अभिजीत अग्रवाल को हटा दिया गया है।

जारी आदेश के मुताबिक, बुरहानपुर का जिलाधिकारी उमेश कुमार, मंडला का जिलाधिकारी जगदीश चंद्र जटिया, झाबुआ का जिलाधिकारी प्रबल सिपाहा, उमरिया का जिलाधिकारी अमर पाल सिंह, टीकमगढ़ का जिलाधिकारी सौरभ कुमार सुमन, राजगढ़ का जिलाधिकारी निधि निवेदिता, सिवनी का जिलाधिकारी प्रवीण कुमार अढायच, नीमच का जिलाधिकारी राजीव कुमार मीणा को बनाया गया है।

इस बदलाव में किसी भी जिलाधिकारी को हटाकर दूसरे जिले का प्रभार नहीं दिया गया है। इससे पहले जिलाधिकारियों में हुए बदलाव के बाद सरकार कटघरे में आ गई थी और कांग्रेस के नेता खुद ही अपनी सरकार पर सवाल उठाने लगे थे।

छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं मुख्यमंत्री कमलनाथ 

कमलनाथ के मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वर्तमान कांग्रेस विधायक व कमलनाथ के करीबी दीपक सक्सेना अपनी सीट छोड़ सकते हैं. वरिष्ठ होने के बावजूद सक्सेना को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया गया. उन्‍हें बड़े निगम या मंडल की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

कांग्रेस की तीन बड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. इनमें से नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह का भी नाम है जोर इस बार चुरहट से वो चुनाव हार गए . उन्हें उम्मीद थी की मंत्री मंडल में उन्हें जगह मिलेगी .मगर ऐसा नहीं हुआ . अजय सिंह की टिकट बंटवारे के वक़्त अहम भूमिका थी .सुरेश पचौरी ने भोजपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा . इससे पहले भी उन्होंने सुरेन्द्र पटवा के सामने चुनाव लड़ा मगर वो हार गए .फ़िलहाल उन्हें भी कोई ज़िम्मेदारी नहीं दी गयी. वहीं अरुण यादव पूर्व PCC चीफ़ हैं मगर बुधनी से चुनाव हार चुके हैं.

कमलनाथ का सियासी सफर

कांग्रेस नेता कमल नाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था. उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज कलकत्ता से बीकॅाम की पढ़ाई पूरी की थी. कमलनाथ ने 2004 से 2009 तक केंद्र सरकार मे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.

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2009 में 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए, फिर कैबिनेट मंत्री बने. जिसके बाद उन्हें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. साल 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री बनाया गया और 2012 में संसदीय कार्य मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई. दिसंबर 2012 में उन्हें योजना आयोग का सदस्य भी बनाया गया.

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कमलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद बने थे और वो 9 बार छिंदवाड़ा से सांसद रहे हैं. साल 1997 में उन्हें एक बार हार मिली फिर उन्होंने कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. साल 2001 से 2004 तक कांग्रेस पार्टी के महासचिव रहे.