logo-image

छत्तीसगढ़: डॉक्टर्स में नही बाबा में विश्वास करते हैं प्रदेश गृहमंत्री रामसेवक पैकरा

छत्तीसगढ़ के वाड्रफनगर क्षेत्र के स्याही ग्राम में कम्बल वाले बाबा के चमत्कारी दरबार में प्रदेश गृह मंत्री रामसेवक पैकरा भी हाजरी देने पहुंचे।

Updated on: 12 Sep 2017, 01:19 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ के वाड्रफनगर क्षेत्र के स्याही ग्राम में कम्बल वाले बाबा के चमत्कारी दरबार में प्रदेश गृह मंत्री रामसेवक पैकरा भी हाजरी देने पहुंचे। लावा लश्कर के साथ पहुंचे पैकरा ने वहां अपने शुगर की बीमारी का इलाज भी कराया।

बता दें, स्वघोषित चमत्कारी बाबा कम्बल ओढ़ा कर लोगों का इलाज करते हैं। उनके दरबार में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ रोज जुटती है। गृहमंत्री ने भी यहां शुगर का इलाज कराया।

यह मामला तब सामने आया है जब हाल ही में कई विवादित स्वघोषित बाबओं को कोर्ट द्वारा सज़ा सुनाई गई है। ऐसे मामलों के सामने आने के बावजूद लोगों को जागरूक करने के बजाय प्रदेश के गृहमंत्री खुद अंधविश्वास को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

यह भी पढ़ें: अवैध संबंध की खातिर पति की करवाई पत्नी ने हत्या, एक लाख की दी थी सुपारी

बाबा के भक्तों की माने तो बाबा साइंस को चुनौती दे रहे हैं। पोलियो ग्रस्त लोगों को खींच तन खड़ा कर देते हैं। यहां इलाज करने के बाद मरीज पण्डाल से पैदल चल के जाते हैं लोग। बाबा इलाज के लिए पैसे नहीं लेते। बीमार लोगों को 6,7 बार कैम्प में आना होता है, जहां वे बाबा के चमत्कारी इलाज से चंगे होकर जाते हैं।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र के स्याही ग्राम में बाबा का कैंप है। गुजरात के गणेश यादव अब कम्बल वाले बाबा बन चुके हैं। वे लोगों का 28 साल से इलाज कर रहे हैं। बाबा के मुताबिक पहले बाबा भी बोल और सुन नहीं सकते थे। फिर मां काली के कृपा से बोलने और सुनने लगे। बाबा ने कहा, मां काली ने ही दिया है बाबा को कम्बल।

यह भी पढ़ें: अवैध संबंध की खातिर पति की करवाई पत्नी ने हत्या, एक लाख की दी थी सुपारी