logo-image

ब्लू व्हेल गेम बना किलर: केरल, तमिलनाडु के बाद मध्य प्रदेश में भी गई बच्चे की जान

जानलेवा ऑनलाइन गेम 'ब्लू व्हेल' ने मध्यप्रदेश के दमोह में एक और बच्चे की जान ले ली है। कक्षा 11 में पढ़ने वाले सात्विक पांडे ने शनिवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

Updated on: 04 Sep 2017, 06:25 PM

highlights

  • कक्षा 11 में पढ़ने वाले सात्विक पांडे शनिवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली
  • पिछले महीने पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में भी इस गेम से आत्महत्याएं हुई
  • रूस में इस गेम से अब तक 130 बच्चे (ज्यादातर लड़कियां) आत्महत्या कर चुके हैं

 

नई दिल्ली:

जानलेवा ऑनलाइन गेम 'ब्लू व्हेल' ने मध्य प्रदेश के दमोह में एक और बच्चे की जान ले ली है। कक्षा 11 में पढ़ने वाले सात्विक पांडे ने शनिवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।

पांडे के स्कूली दोस्त ने कहा कि वह अक्सर 'ब्लू व्हेल' गेम खेला करता था और उसे भी इस जानलेवा गेम को खेलने को कहा करता था। हालांकि बच्चे के परिवार वाले ने इस घटना पर कुछ कहने से मना कर दिया।

पुलिस भी मामले की पड़ताल में जुट गई है, लेकिन अब तक किसी भी तरह का बयान नहीं दिया है। पुलिस इस केस में 'ब्लू व्हेल' गेम के एंगल से भी जांच कर रही है।

इससे पहले तमिलनाडु के मदुरई में भी शुक्रवार को एक 19 साल के छात्र ने ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करने के लिए फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी।

और पढ़ें: असम में 'ब्लू व्हेल' की चपेट मे दो और बच्चे, अस्पताल में भर्ती

भारत के कई राज्यों में इस खतरनाक और जानलेवा गेम से आत्महत्या करने की खबरें लगातार आ रही है। गौरतलब है कि पिछले महीने पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में भी इस गेम से आत्महत्याएं हुई हैं।

आपको बता दें कि केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, याहू इंडिया, इंस्‍टाग्राम और माइक्रोसॉफ्ट को 'ब्‍लू व्‍हेल' से जुड़े लिंक्‍स को हटाने को कहा है। साथ ही इस तरह के गेम से जुड़ा मामला सामने आने पर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने को भी कहा है।

इस खतरनाक गेम को रूस के एक मनोविज्ञान के छात्र फिलिप बुदुकीन ने डेवलप किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार रूस में इस गेम से अब तक 130 बच्चे (ज्यादातर लड़कियां) आत्महत्या कर चुके हैं।

और पढ़ें: पंचकूला हिंसा के आरोपी डेरा समर्थक ने जेल में की खुदकुशी

क्या होता है गेम

गेम की शुरूआत में यूज़र को एक 'मास्टर' मिलता है जो 50 दिनों तक यूज़र को कंट्रोल करता है। ये मास्टर यूजर को खुद को नुकसान पहुंचाने वाले टास्क देता है। जिसमें अपनी स्किन को ब्लेड से खुरच कर एक ब्लू व्हेल बनाना, दिन-रात हॉरर फिल्में देखना और देर रात को जागना आदि शामिल होता है।

इस गेम को खेलने वाले ज़्यादातर टीनएजर्स डिप्रेशन का शिकार हो जाते है। उन्हें इस तरह की तस्वीरें और वीडियो दिखाए जाते हैं जो उन्हें ज़िंदगी पर सवाल उठाने को कहते हैं। और 50वें दिन उनसे अपनी ज़िंदगी खत्म कर गेम जीतने को कहा जाता है, वो खुद को रोक नहीं पाते।

और पढ़ें: पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे चीन