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मध्य प्रदेश और राजस्थान में क्या इस फॉर्मूले से तय होगा सीएम पद का नाम

पार्टी में पहले ही आंतरिक गुटबाजी की बात कही जा रही थी और इस बात पर राहुल गांधी ने बखूबी काबू पाया और इसी का नतीजा है कि कांग्रेस पार्टी लोगों का दिल जीतने में कामयाब हो पाई और सरकार बनने जा रही है.

Updated on: 12 Dec 2018, 02:52 PM

भोपाल:

राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे हिंदी राज्य में कांग्रेस पार्टी ने भारी जीत हासिल की है. सपा बसपा के कांग्रेस पार्टी को समर्थन के बाद इनकी सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है. अब दोनों ही राज्यों में राजभवन पर पार्टी के नेताओं की नजरें टिकी हुई हैं. मध्य प्रदेश में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने का न्योता भेजा तो कांग्रेस पार्टी के राज्य आला नेता दावा पेश करने राजभवन पहुंच भी गए. लेकिन इस बीच पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया है.

पार्टी में पहले ही आंतरिक गुटबाजी की बात कही जा रही थी और इस बात पर राहुल गांधी ने बखूबी काबू पाया और इसी का नतीजा है कि कांग्रेस पार्टी लोगों का दिल जीतने में कामयाब हो पाई और सरकार बनने जा रही है. अब चुनाव परिणामों के बाद जब सरकार बनने में कुछ ही समय रह गया है तब एक बार फिर पार्टी नेताओं की गुटबाजी सामने आने लगी है. पार्टी के सीएम पद के दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के समर्थकों ने अपने अपने नेता को सीएम बनाने के लिए नारेबाजी शुरू कर दी है.

इस सबके बीच कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर सीएम पद पर नेताओं को चुनने के लिए केवल विधायकों को ही नहीं राज्य के जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारियों से बात की जाने की बात सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि पार्टी के नेता राज्य के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से पूछकर सीएम पद का नाम तय करेंगे. कांग्रेस पार्टी शक्तिऐप के जरिए यह काम कर रही है.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं. वहां भी पार्टी कार्यकर्ताओं में नारेबाजी हो रही है.