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मध्य प्रदेश चुनाव : वोटरलिस्ट पर बवाल जारी, कमलनाथ ने कहा- चुनाव आयोग जो कह रहा है उसे साबित करे

चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जवाब देने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि चुनाव आयोग को चुनौती देता हूं कि वो जो कह रहे हैं उसे प्रमाणित कर दें.

Updated on: 05 Oct 2018, 01:00 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों को लेकर कांग्रेस और चुनाव आयोग के बीच टकराव जारी है. गुरुवार को चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जवाब देने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुख कमलनाथ ने कहा कि चुनाव आयोग को चुनौती देता हूं कि वो जो कह रहे हैं उसे प्रमाणित कर दें. गुरुवार को चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ द्वारा मध्य प्रदेश वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका गलत प्रमाणों के आधार पर दिया गया है.

कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा, 'मैंने जो सूची जो आयोग को दी थी वो हमनें नहीं बनाई थी. हमने वो सूची आयोगी की सूची से ही निकाली थी. जो सूची अभी चुनाव आयोग ने जारी की है उसमें से 24 लाख वोटर हटाये गए हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमें टेक्स्ट मोड में सूची चाहिए थी लेकिन पिक्चर मोड में सूची दी गई. वहीं राजस्थान में चुनाव आयोग ने टेक्स्ट मोड में सूची दी थी. चुनाव आयोग ध्यान मोड़ने की कोशिश कर रही है. उन्हें मामला दर्ज करना है तो करे.'

इसके अलावा मायावती के राज्य में अलग चुनाव लड़ने को लेकर कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने राज्य में 50 सीटों की मांग की थी. वो 6 फीसदी वोट शेयर के एवज में इतनी सीटों की मांग कर रहीं थी.

बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से गुरुवार को वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आयोग की वेबसाइट पर मौजूद लिस्ट को तोड़-मरोड़कर कोर्ट के सामने पेश किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की दो सदस्ययी बेंच को याचिकाकर्ता की तरफ से कपिल सिब्बल ने कहा कि लिस्ट एक व्यक्तिगत वेबसाइट पर प्रकाशित थी और वही लिस्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी थी. उन्होंने कहा कि चुनावों आयोग निजी वेबसाइट के खिलाफ किसी तरह की जांच शुरू क्यों नहीं कर रही है?

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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को रखी है जिसमें चुनाव आयोग इस मसले पर अपना जवाब सौंपेगी. गौरतलब है कि कमलनाथ ने आगामी मध्य प्रदेश चुनाव में पारदर्शिता के लिए चुनाव आयोग की निर्देशों की मांग करते हुए 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

इसके अलावा कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि मैंने राहुल गांधी को सीटों को लेकर बताया था. क्या वो (मायावती) यूपी में हमें भी इतनी सीटें देंगी. मायावती ने बुधवार को कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी बसपा से गठबंधन चाहते थे, लेकिन दिग्विजय सिंह के चलते यह गठबंधन नहीं हो पाया.

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मायावती ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी की महिला विरोधी, पूंजीपतियों की सहयोगी और दमनकारी नीतियों के खिलाफ ही हमारी पार्टी ने गठबंधन करने का फैसला किया था.

मायावती ने कहा था कि कांग्रेस को गलतफहमी है कि वह अकेले ही भाजपा के साम, दाम, दंड, भेद और ईवीएम जैसी चालों से पार पाकर जीत हासिल कर लेगी, जो काफी हास्यास्पद है.

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