किसानों का कर्ज माफ करने में बैंकों को पेट में दर्द क्यों : कमलनाथ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिए जाने के साथ बैंकों की नीति पर सवाल खड़े किए हैं,
भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिए जाने के साथ बैंकों की नीति पर सवाल खड़े किए हैं, साथ ही कहा है कि बैंक उद्योगपतियों का तो 40 से 50 प्रतिशत तक कर्ज माफ कर देते हैं, मगर किसानों का कर्ज माफ करने में पेट में दर्द होने लगता है. राज्य में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कमलनाथ ने कहा कि किसानों के कर्ज माफ करने का फैसला ले लिया गया है, यह राष्ट्रीकृत बैंक और सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया है. 80 प्रतिशत कर्ज तो सरकारी बैंकों का है, सरकारी बैंक बड़े बड़े उद्योगपतियों का 40 से 50 प्रतिशत कर्ज माफ कर देते हैं, तब उनके पेट में दर्द नहीं होता. किसानों का कर्ज माफ करने में पेट में दर्द होने लगता है.
यह भी पढ़ेंः 41 लाख किसानों पर 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज, जानें कर्जमाफी से आप पर क्या होगा असर
उन्होंने बैंकों को हिदायत देते हुए कहा कि जब बैंक उद्योग और उद्योगपतियों का 40 से 50 प्रतिशत कर्ज माफ कर देते हैं तो किसानों के साथ यही व्यवहार करने में क्या दिक्कत है. यूपीए सरकार ने सिर्फ डिफॉल्डर का कर्ज माफ किया था, मगर राज्य के वचनपत्र में डिफॉल्डर और वर्तमान के कर्जदार किसानों का कर्ज माफ होगा.
यह भी पढ़ेंः पहले भी किसानों से कर्ज माफी का वादा दिला चुका है सत्ता की चाभी
कमलनाथ ने सरकारी मशीनरी को भी हिदायत दे डाली. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश और देश में बड़ा बदलाव हुआ है, मगर सालों से यहां वही व्यवस्था चल रही है, केवल नीति व नियम में बदलाव की जरूरत नहीं है, बल्कि व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है. एक जमाना था, जब इंटरनेट, कंप्यूटर नहीं था, अब सोच बदलने की जरूरत है.
कमलनाथ ने स्वीकारा कि बदलाव लाना उनके लिए बड़ी चुनौती है, युवाओं की अभिलाषा और बुजुर्गो की जरूरत को पूरा करना है. प्रदेश में कई योजनाएं ऐसी हैं जो बहुत अच्छी है, मगर उनका डिलेवरी सिस्टम फेल है. भ्रष्टाचार तो गांव से शुरू होता है, 90 प्रतिशत लोगों को तो पंचायत, ब्लॉक, तहसील व जिलाधिकारी कार्यालय से मतलब है. उन्हें बल्लभ भवन व मंत्रालय से मतलब नहीं है. जो काम नीचे स्तर पर होने वाला है, उसे वहीं हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने बड़ी उम्मीद की है, इसको लेकर उनके मन में चिंता और बेचैनी है. लोगों की अपेक्षाएं कैसे पूरी हों, इसकी चिंता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें