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मध्‍य प्रदेश चुनाव: बागियों ने किया नाक में दम, निपटने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने अपनाया यह फार्मूला

मध्‍य प्रदेश में इस समय गुलाबी ठंड के बीच चुनाव का मौसम गरम है. दो बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस अपनों के विरोध की तपिश में पसीना बहाने को मजबूर हैं. जिस हंगामे को टालने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवारों को लेकर लंबा मंथन किया, लेकिन नहीं टला .

Updated on: 09 Nov 2018, 06:54 PM

भोपाल:

मध्‍य प्रदेश में इस समय गुलाबी ठंड के बीच चुनाव का मौसम गरम है. दो बड़े दल बीजेपी और कांग्रेस अपनों के विरोध की तपिश में पसीना बहाने को मजबूर हैं. जिस हंगामे को टालने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने उम्मीदवारों को लेकर लंबा मंथन किया, लेकिन नहीं टला . टिकट की उम्‍मीद लगाए नेताओं की आस टूटी तो गुस्सा फूटा. नेताजी को टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक ताव में आ गए और हंगामा खड़ा कर दिया. उनके गुस्से के आग की तपिश आलाकमान तक पहुंची तो पार्टी बैकफुट पर आ गई और पूर्व घोषित उम्मीदवारों को बदल दिया.

बैकफुट पर कांग्रेस

पूर्व घोषित प्रत्याशियों का नाम बदलने में कांग्रेस आगे रही . कांग्रेस ने कई सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा के बाद उसे बदल दिया . इनमें सिरोंज सीट से अशोक त्यागी को हटाकर मसर्रत शाहिद को उम्मीदवार बनाया गया .मसर्रत शाहिद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह गुट से हैं .

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वहीं बुरहानपुर सीट से हामिद काजी की जगह रविंद्र महाजन को टिकट दिया गया. इंदौर सीट से प्रीति अग्निहोत्री की जगह संजय शुक्ला और देवसर सीट पर रामभजन साकेत की जगह बंशमणि वर्मा को उम्मीदवार घोषित किया गया .इसी तरह मानपुर सीट पर पहले तिलकराज सिंह के नाम की घोषणा की गई, लेकिन बाद में ज्ञानवती सिंह को टिकट दिया गया . रतलाम ग्रामीण सीट पर लक्ष्‍मण सिंह डिंडोर की जगह थावर लाल भूरिया को टिकट दिया गया.

बीजेपी को भी झुकना पड़ा

ऐसा नहीं कि सिर्फ कांग्रेस ने ही पूर्व घोषित उम्मीदवारों के नाम बदले बल्कि बीजेपी भी इस दौड़ में शामिल है. बीजेपी ने पवई सीट से पहले बृजेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया, लेकिन बाद में प्रहलाद लोधी को उम्मीदवार घोषित कर दिया. वहीं बृजेंद्र समर्थकों के आक्रोश से बचने के लिए उनको पवई के बजाए पन्ना सीट से मैदान में उतारा .