ऐसे रखें अपने Sugar को कंट्रोल, आपको छू भी नहीं पाएगा Diabetes
भारत में मधुमेह के बढ़ते मामलों के पीछे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने की आवश्यकता है.
नई दिल्ली:
मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बिमारी है जिसमें व्यक्ति के खून में शुगर (Blood sugar) का स्तर बहुत बढ़ जाता है. इसका कारण अनियमित जीवनशैली और अस्वस्थ खान-पान भी हो सकता है. डायबिटीज के कारण कई तरह की शारीरिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं और याददाश्त कमजोर होने लगती है. यह संभावित रूप से मधुमेह, दिल का दौरा, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बन सकता है. नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, रक्त शर्करा के स्तर (blood sugar levels) को नियंत्रित करने में भारतीय विफल रहे हैं. उनके अनुसार, देश में मधुमेह के बढ़ते मामलों के पीछे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने की आवश्यकता.
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अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, एक सामान्य व्यक्ति का रक्त शर्करा का स्तर भोजन से पहले 100 mg/dl से कम और भोजन से 1 से 2 घंटे बाद 140 mg/dl कम होना चाहिए. बढ़े हुए ब्लड शुगर के स्तर में वृद्धि, प्यास लगना, थकान, बार-बार पेशाब आना, धुंधली दृष्टि आदि जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. यदि आप भी इस तरह के किसी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने ब्लड शुगर के स्तर को सामान्य बनाने के तरीके जानें.
नियमित रूप से व्यायाम करें
अगर आप अपने शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो नियमित रूप से व्यायाम करें. यह आपके शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है और आपकी मांसपेशियों को रक्त में शर्करा को अवशोषित करने में मदद कर सकता है जिससे रक्त में इसका स्तर कम हो जाता है. वहीं कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे चावल, फल, दही, आलू, मिठाई आदि के अपने सेवन से बचें या सीमित करें. अपनी डाइट पर ध्यान रखकर अधिक कैलोरी के सेवन को कम किया जा सकता है, जिससे बाद में ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिल सकती है.
बीन्स, फलियां , केला, सेब, ब्रेड को कहें नाा
बीन्स, फलियां , केला, सेब, ब्रेड आदि खाद्य पदार्थों में मौजूद फाइबर कार्ब पाचन और चीनी अवशोषण को धीमा कर सकते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर में क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं. ऐसे में इनको ना कहें. नियमित रूप से पानी पिएं. पानी पीने से ब्लड को रिहाइड्रेट करने में मदद मिलती है और रक्त शर्करा का स्तर कम होता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है.
अखरोट है राम बाण
अखरोट डायबिटीज को कंट्रोल करने का काम करता है. अखरोट को कच्चा और छिलके के साथ खाना अधिक फायदेमंद माना जाता है. हालांकि इसका छिलका थोड़ा कड़वा होता है. अखरोट को पीसकर सलाद, हल्की भूनी सब्ज़ी या दही में मिला कर भी खाया जा सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार करीब तीन चम्मच के बराबर अखरोट खाने से टाइप 2 की डायबिटीज का 47 फीसदी तक कम होता है.
बादाम के क्या कहने
प्रोटीन, वसा, विटामिन और मिनरल बादाम में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए डायबिटीज के लिए अच्छा है. बादाम में मौजूद पोषक तत्व याद्दाश्त बढ़ाने का भी काम करते हैं. डायबिटीज के रोगियों को कच्चे बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए. बादाम से ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) नियंत्रित रहता है.
सेब का करें सेवन
एंटीऑक्सिडेंट्स के अलावा सेब में फ्रक्टोज़ के रूप में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो मेटाबोलिक बैलेंस में सुधार करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं. यह ब्लड शुगर के लेवल में अचानक वृद्धि या गिरावट को रोकता है, जो आपकी अधिक खाने की इच्छा को कंट्रोल करता है.
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डायबिटीज दो प्रकार का होता है - टाइप 1 (Type 1 Diabetes) और टाइप 2 (Type 2 Diabetes) डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज ((Diabetes type 1) में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, और इसे काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है. जबकि टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है.
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