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Kabaddi World Cup 2016: कितना जानते हैं आप इस खेल के बारें में..यहां पढ़िये आखिर कबड्डी के खास नियम

7 अक्टूबर से हो चुकी है कबड्डी वर्ल्ड कप की शुरूआत। भारत को कबड्डी का सिकंदर कहा जाता रहा है। अब तक खेले गये 7 कबड्डी वर्ल्ड कप में भारत ने सातों टाइटल अपने नाम किये है।

Updated on: 13 Oct 2016, 07:56 PM

नई दिल्ली:

कबड्डी वर्ल्ड कप 2016 की शुरूआत 7 अक्टूबर से हो चुकी है। भारत को कबड्डी का सिकंदर कहा जाता रहा है। अब तक खेले गये 7 कबड्डी वर्ल्ड कप में भारत ने सातों टाइटल अपने नाम किये है। उसी तरह भारत एक बार फिर से बेंगलुरु में चल रहे वर्ल्ड कप में यह ताज अपने नाम करने उतरा है।

क्रिकेट प्रेमी इस देश में अब कबड्ड़ी का बुखार भी चढ़ चुका है। जैसे जैसे वर्ल्ड कप आगे बढ़ रहा है लोगों की दीवानगी भी उसी तरह बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कबड्डी किस फॉर्मेट में खेला जाता है, कितने खिलाड़ी एक मैच में खेलते हैं, कबड्डी में प्वाइंट्स कैसे बनते हैं? अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताते कबड्डी की कुछ छोटी छोटी बातें -

कितने खिलाड़ी कितने मैच

अगर आप इस खेल को पहली बार भी देख रहे हैं तो भी इस खेल को समझना आपके लिए आसान है। इस खेल में दो टीमें होती है जिसमें 12 खिलाड़ी होते हैं। जिसमें से 7 खिलाड़ी ही मैट में होते हैं बाकी 5 खिलाडी सब्स्टीट्यूट होते हैं।

समय अवधि
हर खेल कम से कम 40 मिनट का होता है जो 20 मिनट के दो भागों में होता है। हाफ टाइम ब्रेक के बाद खेलने वाले 7 खिलाड़ियों को सब्स्टीट्यूट से बदला जा सकता है।

कैसे मिलते हैं प्वाइंट
खेल में एक टीम से एक खिलाड़ी "कबड्डी कबड्डी" बोलते हुए जाता है और दूसरी टीम के खिलाड़ियों को छूकर वापस आकर अगर बनी हुई दोनों लाइन में से एक को भी हाथ लगाने लगाता है तो उसे पॉइंट मिलता है।

अगर वह खिलाड़ी लाइन को छू नहीं पाता है तो दूसरी टीम को पॉइंट मिलता है और वह खिलाड़ी आउट हो जाता है। अगर एक टीम ने दूसरी टीम के सभी खिलाड़ी को आउट कर दिया तो उस टीम को 3 पॉइंट मिलते हैं। अंत में जिस टीम के पास सबसे ज्यादा पॉइंट होते हैं, वह विजेता घोषित की जाती है।

फॉर्मेट
कबड्डी के दो मुख्य फॉर्मेट हैं -एक है "अंतरराष्ट्रीय रूल्स वाली कबड्डी" जो कि इस बार के विश्व कप में देखी जाएगी। दूसरा है "सर्कल स्टाइल कबड्डी" जो कि ज्यादातर पंजाब में देखी जाती है।

इस खेल का फॉर्मेट सर्कल फॉर्मेट से अलग है। सर्कल फॉर्मेट को बाहर ग्राउंड में या फिर मिट्टी में खेला जाता है। हालांकि दोनों फॉर्मेट की मुख्य विशेषताएं एक ही जैसी हैं, मगर दोनों के नियमों में अंतर होता है।