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Jobs: 2020 के अंत तक पाएं मनपसंद नौकरी, बूम पर होगा यह सेक्‍टर

ग्रेजुएशन के बाद अधिकांश छात्र-छात्राओं को यह नहीं समझ आता है कि उन्हें अब कम सेलरी वाली नौकरी शुरू कर देनी चाहिए या फिर बड़े स्तर पर पढ़ाई जारी रखनी चाहिए.

Updated on: 07 Jul 2019, 09:09 PM

नई दिल्‍ली:

जब नौकरी से जुड़े अवसरों की बात आती है तो हेल्थ केयर सेक्टर सबसे बड़े सेक्टरों में से एक है. अगर आप सफलता की ऊंचाइंयों के ख्वाब देखते हैं तो यह काम करने के लिए बिल्कुल सही क्षेत्र है. यह इंडस्ट्री अस्पतालों, पैथोलॉजी लैब, मेडिकल पर्यटन और मेडिकल से जुड़े उपकरणों जैसी अलग-अलग सेवाओं से संबंधित है. हालिया सालों में, हेल्थ केयर के क्षेत्र में तेजी देखी जा रही है लेकिन इसमें अभी भी विकास की गुंजाइश है इसलिए समय के साथ इसे और बेहतर किया जा सकता है.

इस क्षेत्र में काम करने के इच्छुक लोगों को यह जानना बहुत जरूरी है कि 2020 के अंत तक यह क्षेत्र कितना विशाल होने वाला है. ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट सेक्टर्स के आने से इस क्षेत्र में आने वाले 5 सालों में 25% की भारी वृद्धि होने की उम्मीद है.

ग्रेजुएशन के बाद मौके हजार

ग्रेजुएशन के बाद अधिकांश छात्र-छात्राओं को यह नहीं समझ आता है कि उन्हें अब कम सेलरी वाली नौकरी शुरू कर देनी चाहिए या फिर बड़े स्तर पर पढ़ाई जारी रखनी चाहिए. अनुभव प्राप्त करने के लिए अधिकांश छात्र नौकरी का विकल्प चुनते हैं. डायग्नॉस्टिक्स इस क्षेत्र का एक ऐसा हिस्सा है जिसमें नौकरी पाने में बड़ी संभावनाएं हैं और भविष्य के लिए यह एक बेहतर करियर विकल्प है. अच्छे पैसे देने के साथ-साथ यह क्षेत्र आपके भविष्य के लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद करता है.

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हेल्थ केयर विभिन्न विभागों से संबंधित होता है, वर्तमान में यह क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है और नौकरी की इच्छा रखने वालों के लिए यह क्षेत्र किसी वरदान से कम नहीं है. पैथोलॉजी सेवाएं, एक प्रकार की नैदानिक सेवाएं हैं जो आपको शिक्षक, डायग्नॉस्टीशियन या एक इन्वेस्टीगेटर बनने का विकल्प प्रदान करती हैं. क्लीनिक पर पैथोलॉजिस्ट बीमारी को बेहतर तरीके से ठीक करने के लिए रिपोर्ट को जांचने का काम करता है.

रेडियोलॉजी में संभावनाएं

एक बीमारी की जांच करने लिए दूसरा बेहतर क्षेत्र रेडियोलॉजी है. इस क्षेत्र में बीमारी की जांच और इलाज इमेजिंग मेडिकल(Medical) तकनीक के जरिए किया जाता है. रेडियोंलॉजिस्ट की बढ़ती डिमांड के चलते यह क्षेत्र एक बेहतर केरियर ऑप्शन बन चुका है और किसी भी दूसरे क्षेत्र की तुलना में यह सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है. भविष्य में इस क्षेत्र के और बढ़ने की उम्मीदें हैं. रेडियोलॉजी टेकनीशियन के पास अल्ट्रासाउंड टेकनीशियन, एक्स-रे टेकनीशियन, एमआरआई टेकनीशियन, सीटी टेकनीशियन और मेडिकल(Medical) प्रोफेशनल के रूप में काम करने जैसे कई विकल्प मौजूद हैं. जिस तरह से रेडियोलॉजिस्ट की मांग बढ़ रही है, अस्पतालों, क्लीनिकों और फिजीशियन के ऑफिसों में रेडियोलॉजिस्ट की तत्काल जरूरत है. भविष्य में रेडियोलॉजी के क्षेत्र में किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में सबसे ज्यादा नौकरियों के होने की उम्मीदें हैं.

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जो लोग नौकरी का लक्ष्य बना चुके हैं, रेडियोलॉजी के क्षेत्र में खासकर उनके लिए जो जनरल मेडिकल(Medical) और सर्जिकल अस्पतालों में काम करना चाहते हैं, इस क्षेत्र में नौकरियों के अवसरों की कोई कमी नहीं है. रेडियोलॉजी टेकनीशियन प्राइवेट ऑफिसों, क्लीनिकों, तत्तकाल केयर और उपकरणों की सेल में भी काम कर सकते हैं.

सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली नौकरियों में से एक

विश्व में 15वें स्थान पर होने के साथ रेडियोलॉजी की नौकरी सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली नौकरियों में से एक है. इसे एक स्मार्ट करियर ऑप्शन के रूप में देखा जाता है. रेडियोलॉजिक टेक्नॉलजी छात्रों के पढ़ने के लिए एक बहुत ही दिलचस्प विषय है जिसमें निवास के क्षेत्र में काम करने के लिए सर्टीफिकेट दिया जाता है और हेल्थ केयर सेक्टर में काम करने के लिए तैयार किया जाता है.

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इंडियन ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के अनुसार, पूरी हेल्थ मार्केट का मूल्य $ 100 बिलियन है और 2020 के अंत तक 280 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. 2020 के अंत तक हेल्थ केयर में 2 गुना वृद्धि के साथ भारतीय चिकित्सा पर्यटन आईटी बाजार में $ 10 मिलियन तक पहुंच जाएगा. हेल्थ केयर मैनेजमेंट के क्षेत्र में, आने वाले वर्षों में रोजगार में एक भारी उछाल देखने को मिलेगा.

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ट्रेंड किए गए डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की तत्काल जरूरत के अलावा क्षेत्र के विभिन्न विभागों में बेहतरीन मैनेजमेंट की जरूरत होती है. हेल्थ केयर इंडस्ट्री में बड़े इंवेस्टमेंट के साथ यह इंडस्ट्री पहले से ज्यादा संगठित, प्रोफेशनल और बेहतर हो गई है.

यहां मिलता है काम

रोजगार के अवसरों की बात करें तो, क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स को क्लीनिक, अस्पतालों, एनजीओ, आईटी कंपनियों जैसे डेल, एक्सेंचर आदि में सॉफ्टवेयर और इमेंजिंग उपकरण शामिल करने की जरूरत होती है. एक फ्रेशर के मामले में, जिसके पास फील्ड में नए होने के कारण कोई अनुभव नहीं होता है, उनको टेकनीशियन के काम पर रखा जाएगा और जल्द ही वे अनुभव के साथ ऊंचाइयों को छूने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे.

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टैलेंट की कमी अभी भी इस क्षेत्र के लिए एक खामी है. हेल्थ केयर सेक्टर तेज गति से आगे बढ़ रहा है, हालांकि टैलेंट में अभी भी कमी है. आज के युवा टैलेंट को लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए क्वालिटी पर ध्यान देना अनिवार्य है. इस तरह युवा के दिमाग को सही तरीके से विकसित किया जा सकता है. बाजार में एक नई इंडस्ट्री खोलने से युवा टैलेंट को बेहतर तरीके से सीखने का मौका मिलेगा और समय के साथ भविष्य के इन विशेषज्ञों को तैयार किया जा सकेगा. यह क्षेत्र उन लोगों को ढूंढ रहा है जो सीखने के लिए उत्सुक हैं.

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हेल्थ केयर सेक्टर को रीसर्च के लिए कुशल स्टाफ और प्रोफेशनल्स की जरूरत है जो पूरी तरह से कस्टमर पर ध्यान दे सके. भारत कुशल टीम के साथ हेल्थ केयर इंडस्ट्री को आकर्षित करने की क्षमता रखता है.