EPFO के ताजा आंकड़े जारी, बीते 15 महीने में 73.50 लाख लोगों को मिला रोजगार, यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट
आंकड़ों की मानें तो बीते 15 महीनों में काफी लोगों को रोजगार मिला. हालांकि EPFO द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक अक्टूबर 2018 में कम लोगों को नौकरियां मिली हैं.
नई दिल्ली:
कर्मचारी भविष्य निधि संस्था (EPFO- Employees' Provident Fund Organisation) के ताजा पेरोल आंकड़ों के मुताबिक नवंबर 2018 में 7.32 लाख लोगों को औपचारिक सेक्टरों में रोजगार मिला. इसी के साथ पिछले 15 महीनों में रोजगार सृजन में 48 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ कुल 73.50 लाख लोगों को रोजगार मिला. EPFO के आंकड़ों के मुताबिक ये रोजगार सितंबर 2017 से नवबंर 2018 के बीच मिले हैं.
आंकड़ों की मानें तो बीते 15 महीनों में काफी लोगों को रोजगार मिला. हालांकि EPFO द्वारा लगाए गए अनुमान के मुताबिक अक्टूबर 2018 में कम लोगों को नौकरियां मिली हैं. EPFO ने अनुमान लगाया था कि इस दौरान करीब 8.27 लोगों को नौकरी मिलेगी, लेकिन ये आंकड़ा केवल 6.66 लाख पर ही सिमट गया.
ये भी पढ़ें- बहुत ही जल्द आने वाले हैं सवर्णों के अच्छे दिन, सरकारी संस्थानों में मोदी सरकार बढ़ाने जा रही है 3 लाख सीट
इसी के हिसाब से सितंबर 2017 से अक्टूबर 2018 तक अनुमानित नौकरियों में 16.4 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. EPFO के अनुमान के मुताबिक सितंबर 2017 से अक्टूबर 2018 तक 79.16 लाख रोजगार मिलने थे, लेकिन केवल 66.18 लाख लोगों को ही जॉब मिल पाई.
ये भी पढ़ें- Video: इंग्लैंड में होगी दुनिया की सबसे अजीबो-गरीब शादी! रजाई संग 7 फेरे लेगी ये महिला, हनीमून पर भी जाएगी
बीते साल मार्च में ईपीएफओ के साथ जुड़ने वाले लोगों की संख्या सबसे कम रही. इस महीने केवल 55,831 लोगों के नाम ही यहां दर्ज किए गए. जबकि नवंबर में ये संख्या सबसे ज्यादा 2.18 लाख रही. EPFO में शामिल होने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या 18 से 21 साल के युवा रहे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: दिल्ली के प्राचीन हनुमान मंदिर में आज लगी है जबरदस्त भीड़, जानें इसका इतिहास
-
Jyotish Upay: आधी रात में भूत-प्रेत के डर से बचने के लिए मंत्र और उपाय
-
Hanuman Jayanti 2024 Wishes: आज हनुमान जयंती की पूजा के ये हैं 3 शुभ मुहूर्त, इन शुभ संदेशों के साथ करें सबको विश
-
Maa Laxmi Upay: देवी लक्ष्मी की चैत्र पूर्णिमा की रात करें ये उपाय, पाएं धन-वैभव और समृद्धि