जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व बीजेपी नेता गगन भगत की याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- याचिका में कोई मेरिट नहीं है.
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली पूर्व बीजेपी नेता गगन भगत की याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- याचिका में कोई मेरिट नहीं है. इससे पहले पिछले सोमवार को गगन भगत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. भगत ने दाखिल याचिका में कहा था, 'लोकतंत्र में यह सबसे बड़ा मजाक है कि आप पांच माह तक विधानसभा को सस्पेंड रखते हैं और जब पार्टी सरकार बनाने के लिए दावा पेश करती हैं तो आप विधानसभा को भंग कर देते हैं. यह नीति गलत और अलोकतांत्रिक है.’
बता दें कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर की रात अचानक राज्य की विधानसभा भंग कर दी थी. इससे कुछ ही घंटे पहले पीडीपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया था. फिर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन ने भी राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा किया. जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी थी.
विधानसभा भंग करने के बाद सत्यपाल मलिक का कहना था कि केंद्र सरकार पीपल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन को जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती थी. मलिक ने 24 नवंबर को ग्वालियर में सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि अगर वह जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक संकट के लिए दिल्ली के दिशा-निर्देशों की ओर देखते तो उन्हें बीजेपी समर्थित सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता.
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