पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को आया महाराष्ट्र के राज्यपाल के बयान पर गुस्सा, कहा - मैं ब्रिटेन की महारानी हूं
मुफ्ती का यह गुस्सा महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के उस बयान पर है जिसमें उन्होंने आरएसएस को एक धर्मनिरपेक्ष संगठन बताया है.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) संगठन बताये जाने पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती नाराज़ हो गई हैं. उन्होंने समचार को ट्वीट करते हुए लिखा, ''अगर आरएसएस देश का सेक्युलर संगठन है, तो मैं इंग्लैंड की महारानी हूं और इस ट्वीट को चांद से कर रही हूं.'' मुफ्ती का यह गुस्सा महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव के उस बयान पर है जिसमें उन्होंने आरएसएस को एक धर्मनिरपेक्ष संगठन बताया है.
Sure . RSS is the most secular organisation just as I am Queen of England tweeting about this from the moon. 🤥 https://t.co/m3bu4sbnKV
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 5, 2019
जानकारी दे दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने एक कार्यक्रम में आरएसएस को संघ स्थान बताया था. उन्होंने कहा कि हम गर्व से ये बात कह सकते हैं कि हम यहीं (संघ स्थान) से आते हैं. उन्होंने आरएसएस को सबसे धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठन बताया. महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि आरएसएस (RSS) सबसे धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठनों में से एक है क्योंकि इसने हर व्यक्ति के मत और धर्म के पालन के अधिकार का हमेशा सम्मान किया है. नागपुर के पास रामटेक में कविकुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय (केकेएसवी) में आरएसएस के दिवंगत सरसंघचालक गोलवलकर गुरुजी के नाम पर नये अकादमिक परिसर और गुरुकुलम के शुभारंभ के दौरान राज्यपाल ने कहा कि संघ की यात्रा शानदार और कठिन रही है.
राव ने कहा, ‘‘(आरएसएस की) यात्रा शानदार और कठिन रही है. संघ के सामने सबसे बड़ी चुनौती महात्मा गांधी की हत्या के बाद पैदा हुई थी, जब चार फरवरी 1948 को इस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था.'' राव ने कहा कि गोलवलकर ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और जेल से ही राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह का आह्वान किया.
महाराष्ट्र के राज्यपाल ने कहा, ‘‘गुरुजी ने सरकार को आरएसएस के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने की चुनौती दी या प्रतिबंध हटाने का अनुरोध किया. आखिरकार, गोलवलकर के निरंतर प्रयासों के कारण 12 जुलाई 1949 को पाबंदी खत्म हुई. 'राव ने कहा, ‘‘संघ (RSS) के प्रतिद्वंद्वी जो कहते हैं, उसके विपरीत आरएसएस सर्वाधिक धर्मनिरपेक्ष और समावेशी संगठनों में से एक है. आरएसएस ने हर व्यक्ति के मत और धर्म के पालन के अधिकार का हमेशा सम्मान किया है.''
राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने कहा कि आरएसएस सुबह की अपनी प्रार्थना में देश के विभिन्न भागों के संतों, समाज सुधारकों और देशभक्तों को याद करता है, यह संघ के ‘समावेशी' दृष्टिकोण को दिखाता है. राव ने कहा कि ‘विश्व गुरू' का अपना वैभव फिर से पाने के लिए हमें ऐसी शिक्षा व्यवस्था की जरूरत है, जो भारतीय हो और जो पूछताछ, नवाचार और उद्यमशीलता की भावना को बढ़ावा दे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Daughter : निसा के बर्थडे से पहले इमोशनल हुईं काजोल, बेटी के लिए बयां किया प्यार
-
Lok Sabha Elections 2024: रजनीकांथ से लेकर कमल हासन तक वोट देने पहुंचे ये सितारे, जागरूक नागरिक होने का निभाया फर्ज
-
टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का हुआ एक्सीडेंट, होगी सीरीयस सर्जरी, काम छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे पति
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Aaj Ka Panchang 19 April 2024: क्या है 19 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म में क्या हैं दूसरी शादी के नियम, जानें इजाजत है या नहीं
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति