महबूबा मुफ्ती ने कहा- स्थानीय आतंकी भी इसी धरती के बेटे, कश्मीरियों को चुनाव में बनाया जा रहा है मोहरा
महबूबा मुफ्ती ने जेएनयू में कथित देशद्रोही नारे को लेकर दाखिल की गई चार्जशीट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और इसे वोट बैंक की राजनीति बताया है.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की पू्र्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय आतंकियों (मिलिटैन्ट्स) को 'मिट्टी का पुत्र' बताया और कहा कि उन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को 'बंदूक की जंग' को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर में बंदूक उठाने वालों के नेतृत्व से बातचीत शुरू करनी चाहिए. अनंतनाग में पार्टी के कार्यक्रम के बाद मुफ्ती ने कहा, 'अब पाकिस्तान और अलगाववादियों के साथ बातचीत करनी चाहिए. इसी तरह बंदूक थामने वाले मिलिटैन्ट के नेतृत्व से भी बातचीत करनी चाहिए, सिर्फ वे ही बंदूक की संस्कृति को खत्म कर सकते हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा कहा है कि स्थानीय आतंकी इसी धरती के बेटे हैं. हमारा प्रयास उनको बचाने का होना चाहिए. मेरा मानना है कि जम्मू-कश्मीर में सिर्फ हुर्रियत को ही नहीं बल्कि उन्हें भी जोड़ा जाना चाहिए जो बंदूक के साथ हैं, लेकिन अभी नहीं.'
इसके अलावा महबूबा मुफ्ती ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कथित देशद्रोही नारे को लेकर दाखिल की गई चार्जशीट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और इसे वोट बैंक की राजनीति बताया है.
PDP Chief and former J&K CM Mehbooba Mufti: I've always said that the local militant is the son of the soil. Our attempts should be to save him. I believe, in Jammu and Kashmir, not only Hurriyat but those with the guns should also be engaged with, but not at this time. pic.twitter.com/zMcMGp3jda
— ANI (@ANI) January 15, 2019
महबूबा ने कहा, 'मैंने पहले ही कहा है कि चुनावों से पहले इस तरह के कदम संदेह पैदा करते हैं. लोग याद कर सकते हैं कि 2014 चुनाव से पहले इसी तरह कांग्रेस ने अफजल गुरू को फांसी दी थी, ये सोच के कि शायद इस तरह से उनको कामयाबी मिलेगी. आज वही बीजेपी दोहरा रही है. आज उन्होंने कन्हैया, उमर खालिद और उनके अलावा कश्मीर के 7-8 छात्रों का नाम चार्जशीट में दर्ज किया है. यह बिल्कुल गलत है.'
उन्होंने कहा, 'ऐसा महसूस हो रहा है कि 2019 के चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर के लोगों को फिर से मोहरा बनाया जा रहा है, उनको इस्तेमाल किया जा रहा है, वोट की राजनीति हो रही है.'
इसके अलावा पीडीपी प्रमुख ने कहा, 'हमने बीजेपी के साथ हाथ इसलिए मिलाया था क्योंकि उनके पास जनादेश था. जिससे जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर बात हो सके, जैसा वाजपेयी जी ने हुर्रियत और पाकिस्तान के साथ किया था. लेकिन मोदी जी जनादेश होने के बावजूद वाजपेयी जी के रास्ते पर नहीं चल सके.'
उन्होंने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर लोग हमसे नाराज हो सकते हैं लेकिन वे घृणा नहीं करेंगे. बीजेपी के साथ जाना एक कठिन निर्णय था. यह लोगों की भलाई के लिए लिया गया निर्णय था.
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