JKLF प्रमुख यासीन मलिक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम का मामला दर्ज
पीएसए के तहत उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है
नई दिल्ली:
जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and kashmir) लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पीएसए के तहत उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. जेकेएलएफ से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को यह कहा. एक सूत्र ने बताया, 'मलिक साहब को आज बताया गया है कि उनके खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जम्मू जिले में स्थित कोट बलवल जेल में स्थानांतरित किया जाएगा.'
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गौरतलब है कि इससे पहले 6 फरवरी को भी उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया था. मलिक की गिरफ्तारी उसी दिन हुई थी, जब संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने 21 जनवरी, 1990 को सुरक्षा बलों की गोलीबारी में मारे गए 50 नागरिकों की याद में श्रीनगर और करीबी इलाकों में विरोध स्वरूप बंद का आह्वान किया. यह घटना उस समय हुई थी जब सुरक्षा बलों ने शहर के गाव कादल इलाके में एक भारी जुलूस को रोक दिया था.
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बता दें कि 21 जनवरी 1990 को गावकदल में एक राष्ट्रविरोधी रैली में शामिल कथित आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोली चलाई थी. इसके बाद सुरक्षाबलों ने भी गोली चलाई थी और उसके बाद वहां मची अफरा-तफरी व हुई फायरिंग में 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे. अलगाववादी खेमा इस घटना के लिए सुरक्षाबलों को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराते हुए गावकदल कांड को कश्मीर का जलियांवाला कांड करार देते हुए हर साल इसकी बरसी पर बंद का आयोजन करता है.
bullet bulletin: अलगाववादी नेता यासीन मलिक को किया गया गिरफ्तार, देखें VIDEO
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