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आत्मघाती हमले के बाद जम्मू, पुंछ में सांप्रदायिक हिंसा, पूरे जम्मू में लगा कर्फ्यू

हिंसा के बाद प्रशासन ने जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया.

Updated on: 15 Feb 2019, 10:22 PM

नई दिल्ली:

कश्मीर में आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के विरोध में बंद के दौरान जम्मू और पुंछ में एक समुदाय विशेष की दुकानों, वाहनों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया. हिंसा के बाद प्रशासन ने जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया. प्रशासन ने जम्मू एवं कश्मीर की शीतकालीन राजधानी जम्मू में पहले कर्फ्यू लगाया और बाद में सुरक्षा की बहाली के लिए सेना की मदद ली. आत्मघाती हमले के विरोध में सैकड़ों युवाओं ने कुछ वाहनों का आग के हवाले कर दिया और अनेक वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. जम्मू के जिलाधिकारी रमेश कुमार ने कहा कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे जम्मू में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

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पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस व लाठी का इस्तेमाल किया.शुरुआत में गुज्जर नगर, तालाब खटिकन, जनीपुर, बख्शी नगर, चेन्नी हिमत, बस स्टैंड व पुराने शहर के कुछ दूसरे इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया और बाद में इसे पूरे शहर में लागू कर दिया गया. पुंछ जिले में भी हिंसा हुई और वहां भी आला पीर इलाके में एक समुदाय विशेष की दुकानों और वाहनों पर हमले किए गए जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, "लोगों को शांति बनाए रखने व असामाजिक तत्वों के हाथों की कठपुतली नहीं बनने की सलाह दी गई है, जो अपने नापाक उद्देश्यों के लिए स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं." पुलवामा में गुरुवार को आत्मघाती हमले में शहीद 49 सीआरपीएफ जवानों में से एक की पहचान राज्य के राजौरी जिले के नसीर अहमद के रूप में हुई है.

जम्मू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई) ने शुक्रवार को बंद व प्रदर्शन का आह्वान किया.नेशनल कांफ्रेंस, जम्मू ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन व बार एसोसिएशन ने बंद का समर्थन किया है. स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों के प्रभावकारी संगठन जेसीसीआई के अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, "मैं समाज के विभिन्न वर्गो के लोगों से परंपरागत सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं जिसके के लिए जम्मू घाटी में हिंसा की आग फैलने के समय से जाना जाता रहा है."

इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बडगाम जिला स्थित सीआरपीएफ के हुमहामा रेजीमेंटल ट्रेनिंग सेंटर में जवानों को श्रद्धांजलि दी. एकीकृत मुख्यालय में राजनाथ सिंह ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की.